एक और नीला ड्रम और लाश....लेकिन इस बार मृतक की पहचान भी बनी रहस्य, क्या है लुधियाना कांड की खौफनाक कहानी ?

पंजाब के लुधियाना जिले का शेरपुर इलाका उस समय चर्चा में आया जब नीले रंग के ड्रम में शव मिलने की खबर से सनसनी फैल गई। जिस तरह से शव को प्लास्टिक के बैग में लपेटकर ड्रम में रखा गया था, उससे साफ पता चलता है कि इस हत्या को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। इस घटना ने मेरठ में हुई खौफनाक वारदात की याद दिला दी, जिसमें पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी और उसके शव को नीले रंग के ड्रम में डालकर सीमेंट के घोल में जमा दिया। लेकिन इस बार कहानी थोड़ी अलग है क्योंकि शव की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
शव का खुलासा तब हुआ जब शेरपुर इलाके में स्थानीय लोगों को एक खाली जमीन से दुर्गंध आने लगी, जिससे वे चिंतित हो गए और उन्होंने आसपास तलाश की तो वहां एक नीले रंग का प्लास्टिक का ड्रम दिखाई दिया। जिसे देखकर लोग दंग रह गए। शक होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को मौके पर बुलाया। कुछ ही देर में पुलिस वहां पहुंच गई और जब पुलिस ने ड्रम खोला तो सभी के होश उड़ गए। क्योंकि ड्रम के अंदर प्लास्टिक के बैग में रखा शव था। शव किसी इंसान का था। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि मृतक के पैर और गर्दन रस्सियों से बंधे हुए थे, जो किसी हिंसक वारदात की ओर इशारा कर रहे थे।
घटनास्थल पर मौजूद थाना डिवीजन नंबर 6 की एसएचओ कुलवंत कौर के अनुसार मृतक प्रवासी मजदूर लग रहा है, जिसकी उम्र करीब 35 साल बताई जा रही है। शव की हालत काफी खराब है और शरीर पर चोटों के निशान भी मिले हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या दो-तीन दिन पहले की गई होगी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।इस सनसनीखेज मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। जांच में पता चला है कि ड्रम बिल्कुल नया था, जिससे शक जताया जा रहा है कि इसे हाल ही में खरीदा गया है। पुलिस ने लुधियाना की सभी 42 ड्रम निर्माता कंपनियों की सूची तैयार की है, जहां से ऐसा ड्रम खरीदा जा सकता है। इन कंपनियों से पूछताछ की जा रही है कि हाल ही में ऐसा ड्रम किन लोगों को बेचा गया है।
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू कर दी है। शहर के सर्विलांस कैमरों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे कैमरों की मदद से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तलाश की जा रही है। कुछ वाहनों के नंबर भी चिह्नित किए गए हैं जो घटनास्थल के आसपास देखे गए थे। अभी तक की जांच में पुलिस को कई सुराग मिले हैं, लेकिन मृतक की पहचान नहीं हो पाई है, जो जांच में बड़ी बाधा बन रही है। पहचान न होने के कारण पुलिस को किसी संभावित रिश्तेदार या गुमशुदगी की रिपोर्ट से कोई मदद नहीं मिल पाई है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि अगर वह प्रवासी मजदूर था, तो किसके साथ रहता था? उसे कौन जानता है? और उसकी इतनी बेरहमी से हत्या क्यों की गई? कुल मिलाकर यह मामला सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि मर्डर मिस्ट्री बन गया है। मृतक के शरीर पर चोटों के निशान, हाथ-पैर बंधे होना और गले में बंधी रस्सी- ये सब इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह घटना एक सुनियोजित हत्या है। जिसे एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि यह मामला मानव तस्करी, आपसी रंजिश या अवैध संबंधों से जुड़ा है?
नीले ड्रम और शव की गुत्थी सुलझाने के लिए लुधियाना पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है, लेकिन जब तक मृतक की पहचान नहीं हो जाती, तब तक यह मामला अधूरा ही रहेगा। नीले ड्रम में बंद इस अज्ञात शव के पीछे की सच्चाई क्या है, यह सवाल अब पूरे शहर को परेशान कर रहा है।
मेरठ का सौरभ हत्याकांड
आपको बता दें कि कुछ ऐसी ही कहानी मेरठ के 29 वर्षीय सौरभ कुमार की थी। उसकी हत्या उसकी 26 वर्षीय पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने 28 वर्षीय प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर की थी। दरअसल, सौरभ कुमार और मुस्कान रस्तोगी की शादी 2016 में हुई थी। सौरभ ने मर्चेंट नेवी में नौकरी होने का झूठ बोलकर मुस्कान से शादी की थी, जबकि हकीकत में वह लंदन में एक बेकरी में काम करता था। शादी के बाद उनकी एक बेटी हुई, लेकिन जब सौरभ लंदन में रहने लगा तो मुस्कान अकेली रह गई। इस दौरान उसकी अपने पुराने परिचित साहिल शुक्ला से नजदीकियां बढ़ने लगी। दोनों के बीच रिश्ता इतना बढ़ गया कि दोनों घर में शराब और ड्रग्स का सेवन करने लगे। जब मकान मालिक को इस रिश्ते की भनक लगी तो उसने सौरभ को सारी सच्चाई बता दी। इसके बाद पति-पत्नी के बीच झगड़े शुरू हो गए और बात तलाक तक पहुंच गई।