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विपक्षी दलों की बजाए जनता के साथ खड़ी दिखना चाहती है AAP !

विपक्षी दलों की बजाए जनता के साथ खड़ी दिखना चाहती है AAP !

पंजाब न्यूज डेस्क !!! दिल्ली और फिर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी अब हिमाचल में अपना विस्तार करना चाहती है। पार्टी हिमाचल को अपना अगला लक्ष्य भी मान रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी महज उत्तर भारत के इन राज्यों तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों के लिए भी आम आदमी पार्टी की तैयारी है। पार्टी यहां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही कारण है कि सत्ताधारी भाजपा के मुखर विरोध के साथ-साथ आम आदमी पार्टी अक्सर विपक्षी दलों के साथ भी मंच साझा करने से बचने का प्रयास तक करती है। इसका ताजा उदाहरण राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई विपक्ष की एक महत्वपूर्ण बैठक है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस संयुक्त बैठक का आह्वान किया था। विपक्षी दलों की इस बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं हुई। इसको कुछ दल विपक्षी एकता में दरार के रूप में भी देख रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी एकता को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी महागठबंधन से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन केवल '130 करोड़ भारतीयों के साथ' होगा। गौरतलब है कि इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि वह बहुदलीय गठबंधन को कभी नहीं समझ सकते हैं। खास तौर पर आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर केजरीवाल का कहना है, किसी भी गठजोड़ में मेरी दिलचस्पी नहीं है। मुझे नहीं पता कि राजनीति कैसे करनी है। मैं किसी को हराना नहीं चाहता, मैं चाहता हूं कि देश जीत जाए।

गठबंधन पर नागपुर में पिछले दिनों हुई एक सभा के दौरान उन्होंने कहा, कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं राष्ट्रीय स्तर पर किस पार्टी के साथ गठबंधन करूंगा। मैं नहीं जानता कि राजनीति कैसे करनी है। मैं किसी को हराना नहीं चाहता। मैं चाहता हूं देश जीते। मैं देश की 130 करोड़ जनता के साथ गठबंधन करना चाहता हूं ताकि भारत दुनिया में नंबर एक देश बन सके। राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन दाखिल करने के मौके पर भी आम आदमी पार्टी (आप) अनुपस्थिति रही।

इसी सोमवार को जब विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन भरा तो एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव समेत 16 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। हालांकि यहां भी आम आदमी पार्टी अनुपस्थिति रही।इससे पहले बीते वर्ष नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के मुद्दे कांग्रेस द्वारा पर बुलाई गई बैठक में भी आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं हुई। हालांकि तब आम आदमी पार्टी के अलावा मायावती और ममता बनर्जी ने भी इस बैठक मैं शामिल ना होने का निर्णय लिया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था।

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ शब्दों में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी महागठबंधन से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन केवल 130 करोड़ भारतीयों के साथ होगा। नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने यह कहा है।

--आईएएनएस

चंडीगढ़ न्यूज डेस्क !!!

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