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यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में भर्ती 10 भारतीयों की मौत का दावा, पंजाब के युवक ने किया खुलासा

यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में भर्ती 10 भारतीयों की मौत का दावा, पंजाब के युवक ने किया खुलासा

रूस से अपने लापता भाई की तलाश कर हाल ही में भारत लौटे पंजाब के जालंधर जिले के गोरेया कस्बे के निवासी एक व्यक्ति ने चौंकाने वाला दावा किया है। व्यक्ति का कहना है कि यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में शामिल होने के लिए रूसी सेना में भर्ती हुए 10 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस दावे की अभी तक किसी भी सरकारी या आधिकारिक एजेंसी की ओर से पुष्टि नहीं की गई है।

गोरेया निवासी जगदीप कुमार ने रविवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि वह कुछ समय पहले रूस गया था, जहां उसका भाई लापता हो गया था। इसी दौरान उसे वहां भारतीय युवकों की स्थिति के बारे में जानकारी मिली। जगदीप का दावा है कि रूसी सेना में भर्ती किए गए 10 भारतीय युद्ध के दौरान मारे गए हैं।

जगदीप कुमार के अनुसार, इन मृतकों में से तीन युवक पंजाब के रहने वाले थे, जबकि सात युवक उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी युवक रोजगार या बेहतर भविष्य की तलाश में रूस पहुंचे थे, लेकिन कथित तौर पर उन्हें धोखे से या गलत जानकारी देकर रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि रूस में मौजूद कई भारतीय बेहद मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं और युद्ध क्षेत्र में उन्हें जान का खतरा बना हुआ है। जगदीप ने कहा कि वहां भारतीय युवकों को भाषा, भोजन और सुरक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, इस पूरे मामले पर अभी तक भारत सरकार, रूसी प्रशासन या भारतीय दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न ही इन मौतों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि हो सकी है। इससे पहले भी रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कई भारतीयों के रूसी सेना में शामिल होने और उनके फंसे होने की खबरें सामने आ चुकी हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के दावे गंभीर हैं और इनकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। यदि यह दावा सही साबित होता है, तो यह विदेशों में रोजगार के नाम पर युवाओं को फंसाने वाले नेटवर्क पर भी सवाल खड़े करता है।

फिलहाल, जगदीप कुमार के बयान के बाद पंजाब समेत अन्य राज्यों में युवाओं और उनके परिजनों की चिंता बढ़ गई है। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए और रूस में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।

जब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं होती, तब तक यह मामला दावों और आशंकाओं के बीच बना हुआ है, लेकिन इसने एक बार फिर विदेश में रोजगार के नाम पर युवाओं के भविष्य से जुड़े जोखिमों को उजागर कर दिया है।

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