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पंजाब निकाय चुनाव में AAP की बंपर जीत के 10 बड़े फैक्टर… केजरीवाल का विपक्ष दलों पर भी निशाना

पंजाब निकाय चुनाव में AAP की बंपर जीत के 10 बड़े फैक्टर… केजरीवाल का विपक्ष दलों पर भी निशाना

पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव में जनता ने आम आदमी पार्टी के काम की राजनीति पर भरोसा जताया है. आप ने 70 फीसद सीटें जीत कर एक तरह से क्लीन स्वीप कर दिया है. नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत सिंह मान ने आज पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही. उन्होंने बताया कि आप ने जिला परिषद की 250 और ब्लॉक समिति के 1800 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है. साफ है कि पंजाब में आप के पक्ष में हवा चल रही है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहली बार पंजाब में युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है. नशा बेचने वालों के घरों पर बुल्डोजर चल रहे हैं और 25 हजार से ज्यादा नशा तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. बिना रिश्वत के 55 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. 43 हजार किमी शानदार सड़कें बन रही हैं. अब किसानों को दिन में 8 घंटे बिजली और 90 फीसद परिवारों को फ्री बिजली मिल रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार से आप पर भरोसा बढ़ा है.

एंटी इंकम्बेंसी नहीं, प्रो-इंकम्बेंसी फैक्टर
अरविंद केजरीवाल ने यह भी बताया कि साल 2013 में जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव हुए थे. इससे एक साल पहले 2012 में हुए जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव में अकाली दल जीता था. अकाली दल के जीतने के एक साल बाद ही 2013 में जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव हुए थे. इसके बाद 2018 में चुनाव हुए, जो 2017 के विधानसभा चुनाव के एक साल बाद हुए थे. जिसमें कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन इस बार जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हुए हैं. इस चुनाव के नतीजे दिखा रहे हैं कि भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार जो काम किए हैं, उससे एंटी इंकम्बेंसी नहीं, बल्कि प्रो-इंकम्बेंसी फैक्टर दिखाई देता है.

2013 और 2018 के चुनाव पर भी निशाना
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों का कहना है कि 2012 में अकाली दल की सरकार थी, इसलिए अकाली को उन चुनावों में बहुमत मिला. केजरीवाल ने इस तुलना को गलत बताया है. क्योंकि उस वक्त अकाली दल की सरकार को मात्र एक साल ही हुए थे. आम आदमी पार्टी की सरकार को 4 साल हो चुके हैं. दूसरी बात यह है कि सब जानते हैं कि 2013 और 2018 में जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के चुनाव धक्काशाही से हुए थे. मतदान और मतगणना की वीडियोग्राफी नहीं हुई थी.

विकास के मुद्दों पर चुनाव में जाएगी आप-मान
इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी पूरे देश में मजबूत हो रही है. पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में मिली यह बड़ी जीत इसका प्रमाण है. उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव में धांधली की बात कही जा रही थी और एक सूची साझा करते हुए बताया कि कांग्रेस कई जगहों पर मात्र 9, 3 या 40 वोटों के मामूली अंतर से जीती है. उन्होंने कहा कि यदि बैलट पेपर में गड़बड़ी होती तो विपक्ष इतनी कम सीटों के अंतर से नहीं जीतता.

भगवंत मान ने बताया कि आम आदमी पार्टी का विस्तार अब गोवा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और केरल तक हो रहा है, जहां पार्टी स्थानीय चुनाव जीत रही है. विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस चुनाव को सेमीफाइनल मानने के बजाय सरकार के काम का रिपोर्ट कार्ड माना जाना चाहिए. भगवंत मान ने कहा कि नेताओं को अपनी जड़ों से जुड़ा रहना चाहिए. मैं अपने गांव जाकर लोगों का धन्यवाद करूंगा.

आप की जीत की 10 बड़ी वजहें
पहली बार पंजाब में युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर नशे पर सख्त प्रहार किया गया, नशा बेचने वालों के घरों पर बुलडोजर चल रहे और 25 हजार नशा बेचने वाले गिरफ्तार हुए हैं. जबकि विपक्ष में बैठी पार्टियां पंजाब को नशे में धकेलने का काम किया.
आजादी के 75 साल में पहली बार किसानों के खेतों तक नहर का पानी पहुंचा.
अब किसानों को दिन में 8 घंटे निर्बाध बिजली मिल रही, पहले रात में 3 बजे मिलती थी.
90 फीसद से ज्यादा परिवारों को फ्री बिजली मिल रही है.
पंजाब में 43 हजार किलोमीटर शानदार सड़कें बनाई जा रही है, जिसमें 19 हजार किमी ग्रामीण क्षेत्रों में बन रही है.
अब पंजाब में बिना रिश्वत और सिफारिश के सरकारी नौकरी मिल रही है, अब तक 55 हजार से ज्यादा नौकरियां दी जा चुकी हैं.
एक हजार से अधिक मोहल्ला क्लीनिकों में लोगों को फ्री इलाज मिल रहा.
सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में भी जबरदस्त बदलाव हुआ है.
ईजी रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू होने से लोग बहुत खुश हैं.
जनवरी से हर परिवार को 10 लाख रुपए का इंश्योरेंस मिलना शुरू हो जाएगा.

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