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पीएम मोदी के प्रयास से योग मदरसे तक पहुंचा, अभ्यास से किसी धर्म को कोई नुकसान नहीं : वसीम खान

मुंबई, 21 जून (आईएएनएस)।11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को मदरसों के छात्रों ने योग किया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वसीम खान भी इसका हिस्सा बने। उन्होंने इस आयोजन को अनुपम बताते हुए कहा कि पीएम मोदी के प्रयास से योग मदरसे तक में मनाया जाने लगा है।
पीएम मोदी के प्रयास से योग मदरसे तक पहुंचा, अभ्यास से किसी धर्म को कोई नुकसान नहीं : वसीम खान

मुंबई, 21 जून (आईएएनएस)।11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को मदरसों के छात्रों ने योग किया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वसीम खान भी इसका हिस्सा बने। उन्‍होंने इस आयोजन को अनुपम बताते हुए कहा कि पीएम मोदी के प्रयास से योग मदरसे तक में मनाया जाने लगा है।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष वसीम खान ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सभी को बधाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 से योग को पूरी दुनिया में ले जाने का काम किया है। आज पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। पीएम मोदी के प्रयास से योग मदरसे तक में मनाया जाने लगा है। योग हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत जरूरी है। मेरा आग्रह है कि सभी लोग अपने जीवन में योग को शामिल करें। योग हमारे देश की प्राचीन परंपरा का अभिन्न अंग है।"

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में ‍योग पर सियासत करने वालों पर वसीम खान ने कहा, "हमारे देश की एकता और सद्भावना बिगाड़ने का काम कुछ लोग कर रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि मुसलिम समाज और मदरसे एक दायरे में सीमित रहें। आज मुस्लिम समुदाय भलीभांत‍ि समझ चुका है कि उसके लिए अच्‍छा और बुरा क्‍या है? इस्‍लाम इतना नाजुक नहीं है कि उस पर आसानी से खतरा आ जाए। मदरसे पर सियासत करने वालों के लिए योग एक सीख है। योग करने से किसी भी धर्म को कोई नुकसान नहीं है। नमाज अपनी जगह है और योग अपनी जगह।"

वहीं,11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा, "हम 11 वर्षों से लगातार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य, स्थिरता और सामूहिक उपचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए थीम लॉन्च की है और जैसा कि आप देख रहे हैं, यह योग संगम का हिस्सा है। 1 लाख स्थान, जहां आयुष मंत्रालय ने योग समावेशन की बात की है। इस बार हमारे पास तटरक्षक और नौसेना भी है। और यही लक्ष्य है कि स्वास्थ्य ही धन है, यानी योग ही धरती है और स्वास्थ्य ही धन है। मैं हर नागरिक से आग्रह करती हूं कि अगर आपके पास स्वास्थ्य है, तो ही आपके पास धन है। स्वास्थ्य के आधार पर ही हम एक मजबूत राष्ट्र बन सकते हैं। अगर आप योग का अभ्यास करते हैं, तो स्थिरता, समग्र कल्याण और सामूहिक उपचार के लिए एक वैश्विक आंदोलन हो सकता है।"

--आईएएनएस

एएसएच/केआर

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