
इसी तरह, शिशिर ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने यह महसूस करने के बाद इस्तीफा दे दिया कि वह पिछले कई वर्षों के दौरान आदिवासी समुदाय और युवाओं के कल्याण के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। उनके तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल होने की संभावना है। बीआरएस में शामिल होने की ओर इशारा करते हुए, गिरिधर गमांग ने कहा: मैं एक राष्ट्रीय पार्टी (कांग्रेस) से एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी में आया था। मैं एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी में शामिल हो जाऊंगा, जो अभी ओडिशा में अपने पैर रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की, कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि वह बूढ़े हो गए हैं। आदिवासी नेता ने कहा, मेरा बेटा शिशिर चुनाव लड़ेगा।
पिता-पुत्र की जोड़ी ने आगे कहा कि उनका इस्तीफा भी भाजपा के भीतर अपमानित होने के कारण उपजा है। शिशिर ने कहा कि भाजपा ने उनसे 2019 में कोरापुट लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट देने का वादा किया था। हालांकि, उन्हें गुनूपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया, जहां से वह निराशाजनक प्रदर्शन के साथ हार गए। उन्होंने कहा, 2019 के चुनाव में किसी ने मेरी मदद नहीं की। चुनाव के बाद भी कोरापुट क्षेत्र में पूरी पार्टी एक नेता के इशारे पर काम कर रही थी और मुझे कोई महत्व नहीं दिया गया। बुधवार का घटनाक्रम 13 जनवरी को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री से पिता-पुत्र की मुलाकात के बाद आया है। सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ गमांग को 2024 के चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए बीआरएस के ओडिशा अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि शिशिर के बीआरएस के टिकट पर अगला चुनाव लड़ने की संभावना है।
--आईएएनएस
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