त्रिपुरा के आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने अगरतला में कहा कि, विस्थापित रियांग आदिवासियों के संबंध में नामांकन प्रक्रिया के कारण त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद में ग्राम समितियों के चुनाव में देरी हो रही है। एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए, त्रिपुरा उच्च एकल पीठ के न्यायाधीश अरिंदम लोध ने इस सप्ताह की शुरूआत में राज्य चुनाव आयोग को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और कानून के अनुसार चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
त्रिपुरा के राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 6,959 परिवारों वाले 37,136 विस्थापित रियांग आदिवासियों का त्रिपुरा के 8 में से 4 जिलों के 12 स्थानों पर पुनर्वास किया जा रहा है। जिसमें उत्तरी त्रिपुरा, धलाई, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा शामिल हैं। एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने शर्त पर आईएएनएस को कहा, इन विस्थापित रियांग आदिवासियों के पुनर्वास का लक्ष्य 31 अगस्त तक भूमि संबंधी कई मुद्दों, वन भूमि की मंजूरी, ताजा परेशानी, पुनर्वास के खिलाफ आंदोलन की धमकी और कई अन्य मुद्दों के कारण हासिल नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 सितंबर को दिल्ली में मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ चतुर्भुज समझौते के क्रियान्वयन की समीक्षा की। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, त्रिपुरा के मुख्य सचिव जे.के. सिन्हा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 6,959 परिवारों में से 3,696 परिवारों को फिर से बसाया जा चुका है और बाकी की प्रक्रिया चल रही है।
--आईएएनएस
अगरतला न्यूज डेस्क !!!
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