राजा रघुवंशी हत्याकांड में आया नया मोड़, Scooty GPS ने उगला सच! बेवफा Sonam ने ऐसे किया पति का मर्डर

राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में पुलिस को एक बड़ा डिजिटल सुराग मिला है। यह सुराग है एक स्कूटी में लगा GPS सिस्टम, जो इस सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की दिशा में अहम कड़ी साबित हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सोनम नाम की महिला ने शिलांग में एक स्कूटी किराए पर ली थी, जिसमें GPS ट्रैकिंग डिवाइस लगा हुआ था। इस GPS लोकेशन डेटा ने सोनम की हर मूवमेंट का नक्शा पुलिस के सामने खोल दिया है। स्कूटी के मालिक अनिल ने बताया कि सोनम और उसके पति राजा रघुवंशी 22 मई को शिलांग आए थे और उन्होंने स्कूटी चार दिन के लिए किराए पर ली थी। किराए की मियाद 25 मई तक थी, लेकिन स्कूटी तय समय पर वापस नहीं की गई। इसके बाद अनिल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
GPS से बना हत्या से पहले का पूरा रूट मैप
GPS की मदद से पुलिस ने उस स्कूटी का पता लगाया, जिसे सोनम ने वारदात के बाद घटनास्थल से करीब 6 किलोमीटर दूर छोड़ दिया था। GPS डेटा के विश्लेषण से पता चला कि स्कूटी चेरापूंजी, डबल डेकर ब्रिज और हत्या स्थल के आसपास के इलाकों तक गई थी। साथ ही, एक जगह पर स्कूटी की लोकेशन लंबे समय तक एक ही जगह पर दिखाई दी, जिससे पुलिस को संदेह हुआ और जब उस जगह जांच की गई, तो वह लोकेशन वही निकली जहां सोनम और अन्य आरोपी मिलकर हत्या की योजना बना रहे थे। इस GPS डेटा से पुलिस को सोनम के हर मूवमेंट की जानकारी मिल गई है—कहां गई, कब रुकी, और कब हत्या स्थल के पास पहुंची। पुलिस का कहना है कि यह एक बेहद अहम डिजिटल सबूत है, जो केस की दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
राजा की हत्या: हनीमून के नाम पर मौत का प्लान
सोनम (25) को अपने पति राजा रघुवंशी (29) की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, सोनम ने अपने कथित प्रेमी राज कुशवाहा (20) के साथ मिलकर तीन भाड़े के हत्यारों को इस मर्डर के लिए लगाया था। मकसद साफ था—राजा को रास्ते से हटाना। राजा और सोनम की शादी हाल ही में 11 मई को इंदौर में हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद, 20 मई को दोनों हनीमून पर गुवाहाटी के लिए रवाना हुए और फिर मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स के सोहरा इलाके में पहुंचे। 23 मई को राजा और सोनम लापता हो गए थे, और फिर 2 जून को राजा का शव एक खड्ड से बरामद हुआ।
फरार सोनम ने गाजीपुर में किया सरेंडर
घटना के बाद सोनम फरार हो गई थी, लेकिन अंततः 8 जून को उसने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस बीच, पुलिस ने राज कुशवाहा समेत चार अन्य आरोपियों को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया। मेघालय पुलिस ने इस मामले में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है, जो केस की परतें खोलने में जुटा है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि वह अनिवार्य 90 दिनों की समय सीमा के भीतर इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर देंगे।
कबूली जुबान और जुटते सबूत
अब तक की जांच में सोनम के कबूलनामे, GPS डेटा, और अन्य डिजिटल सबूत पुलिस के पास मौजूद हैं। स्कूटी की ट्रैकिंग ने जिस तरह से हत्या की तैयारी और बाद की गतिविधियों को उजागर किया है, वह केस में तकनीक की भूमिका को भी सामने लाता है। राजा रघुवंशी का परिवार ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़ा है और फिलहाल न्याय की उम्मीद में पुलिस की कार्रवाई पर निगाह रखे हुए है। इधर, पुलिस यह मान रही है कि GPS जैसे डिजिटल सबूत अदालत में मजबूत केस पेश करने में मददगार साबित होंगे।