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मध्य प्रदेश : 'वन धन योजना' बैतूल की ग्रामीण महिलाएं इससे कर रहीं आमदनी

बैतूल, 4 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की 'वन धन योजना' ग्रामीण अंचलों में सिर्फ गृह और कृषि कार्य कर बाकी का समय बेरोजगारी का जीवन यापन करने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। बैतूल की महिलाएं भी अब इससे अछूती नहीं हैं और इस योजना से लाभान्वित होकर आमदनी कर रही हैं।
मध्य प्रदेश : 'वन धन योजना' बैतूल की ग्रामीण महिलाएं इससे कर रहीं आमदनी

बैतूल, 4 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की 'वन धन योजना' ग्रामीण अंचलों में सिर्फ गृह और कृषि कार्य कर बाकी का समय बेरोजगारी का जीवन यापन करने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। बैतूल की महिलाएं भी अब इससे अछूती नहीं हैं और इस योजना से लाभान्वित होकर आमदनी कर रही हैं।

बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल में चार 'वन धन योजना' के सेंटर बनाए गए हैं, जिनके प्रत्येक सेंटर पर 300 महिलाएं अब रोजगार से जुड़कर अपना खर्च स्वयं उठा रही हैं। ऐसे ही दक्षिण वन मंडल के ताप्ती रेंज के आस-पास के तीन-चार गांव की 15 समूहों से जुड़ी तकरीबन 300 महिलाएं इस योजना से जुड़कर अच्छा रोजगार पाकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रही हैं। लाभार्थियों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए इस योजना के लिए सरकार का आभार जताया।

'वन धन योजना' की लाभार्थी आकांक्षा राजपूत ने बताया, "मेरे समूह में 15 महिलाएं शामिल हैं, जो रोजाना उनके साथ कार्य करती हैं। वे लोग प्रतिदिन 800 से 900 सौ दोना पत्तल बनाती है। पीएम मोदी ने बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया, जिससे हमारा घर और हमारे साथ जो समूह की महिलाएं है उनका भी घर आज बहुत अच्छे से चल रहा है। आज हमारे पास रोजगार है और हम अपने पैरों पर खड़े हैं। हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है।"

लाभार्थी ललिता बिसोने ने कहा, "हम यहां पर आकर कार्य करते हैं। यहां आटा चक्की लगी हुई है, जिसमें अनाज की पिसाई होती है। एक दिन में करीब 7 किलो तक गेहूं हम लोग यहां पर पिसाई कर लेते हैं। हमारे यहां पर एक समूह में 15 महिलाएं है और सभी समूह को मिलाकर 300 महिलाएं हैं। यहां पर आसपास के लोग स्वयं कार्य करवाने के लिए आते हैं। हमें वन धन योजना के तहत आमदनी हो रही है।"

अन्य लाभार्थी पूनम गाडगे ने बताया, "15 समूह में 300 महिलाएं कार्य कर रही हैं। यहां पर हमें कार्य करने के लिए चार मशीन दी गई है, जिसमें प्रत्येक पर 15-15 महिलाओं कार्य करती हैं। यहां कार्य करने से हमें काफी लाभ मिलता है और घर में बहुत सहारा मिल जाता है। पहले हम लोग बेरोजगार थे, लेकिन आज पैसे कमा रहे हैं, उससे बच्चों की पढ़ाई का भी खर्चा निकल जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।"

--आईएएनएस

एससीएच/जीकेटी

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