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बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर दो गैंग्स में टकराव, हथियार लहराते और फायरिंग करते अलोक गैंग का वीडियो वायरल

बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर दो गैंग्स में टकराव, हथियार लहराते और फायरिंग करते अलोक गैंग का वीडियो वायरल

खनिज, जंगल और जल संपदा से भरपूर झारखंड में अब बालू घाटों पर वर्चस्व की लड़ाई हिंसक रूप लेती जा रही है। राजधानी रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छापर घाट में बालू के अवैध खनन और कब्जे को लेकर दो आपराधिक गिरोहों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
इस संघर्ष ने अब सोशल मीडिया पर भी दस्तक दे दी है। 'अलोक गैंग' के एक सदस्य द्वारा हथियार लहराते और फायरिंग करते हुए वीडियो वायरल किया गया है, जिसमें वह खुलेआम प्रतिद्वंद्वी गिरोह को धमकी देता नजर आ रहा है

बालू घाट बना अपराधियों की जंग का मैदान

छापर घाट क्षेत्र में बालू के खनन को लेकर लंबे समय से अवैध गतिविधियां चल रही हैं। खनिज विभाग और पुलिस की नजरें अक्सर इन गतिविधियों से चूक जाती हैं, जिसका फायदा आपराधिक तत्व उठा रहे हैं।
अब यह बालू माफिया दो गुटों में बंट गया है, और दोनों अपने-अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए हिंसा और धमकी का सहारा ले रहे हैं।

वीडियो में खुलेआम धमकी और फायरिंग

वायरल वीडियो में अलोक गिरोह का एक सदस्य रिवॉल्वर लहराते हुए फायरिंग करता है और दूसरे गैंग को घाट से दूर रहने की चेतावनी देता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह बेहद उग्र लहजे में कह रहा है:

"हमारा छापर घाट है... जो यहां आया, वो जिंदा नहीं बचेगा। गोली खानी है तो आओ!"

वीडियो के वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस वीडियो ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि अपराधी अब डर की जगह दिखावे की राजनीति कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई शुरू

बुढ़मू थाना पुलिस ने वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
इसके अलावा घाट क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जा रही है, ताकि किसी तरह की हिंसा को रोका जा सके।

राजनीतिक और प्रशासनिक चुप्पी

इस पूरे मामले पर अब तक राज्य सरकार या जिला प्रशासन की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे लोगों में नाराजगी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बालू माफिया आए दिन आम लोगों को धमकाते हैं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई नाममात्र की होती है।

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