लापता नाबालिग को तलाशने MP और UP पुलिस गठित करें संयुक्त टीम, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों से लापता किशोर की तलाश के लिए संयुक्त पुलिस टीम बनाने का अनुरोध किया है। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि इस आदेश पर सात दिन के भीतर कार्रवाई की जाए। खंडपीठ ने एक दादा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किया। जबलपुर के मोहनिया गांव निवासी मुकेश श्रीपाल ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि पड़ोस में रहने वाले शिवकुमार गुप्ता की बेटी खुशबू की शादी झांसी के मऊरानीपुर निवासी अनिल डोंगरे से हुई थी। दिवाली के बाद पड़ोसी के कहने पर अपने 15 वर्षीय नाबालिग पोते को अपनी बेटी और दामाद से दुकान का काम सीखने भेज दिया था। 15 फरवरी तक नाबालिग से परिजनों की बात होती रही। इसके बाद अचानक उसका मोबाइल बंद हो गया। संपर्क न होने पर परिजन झांसी गए, लेकिन उसका पता नहीं चला। उन्होंने नाबालिग के लापता होने की शिकायत पुलिस से की। अगले दिन अनिल डोंगरे ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस अभी तक नाबालिग पोते का पता नहीं लगा पाई है। इस कारण उपरोक्त बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है।