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पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, प्लास्टिक के कप-प्लेट बंद करने शुरू किया बर्तन बैंक

पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, प्लास्टिक के कप-प्लेट बंद करने शुरू किया बर्तन बैंक

पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से सीहोर जिले में निरंतर समाज सेवा में जुटी टीम संडे का सुकून द्वारा एक अनूठी पहल की गई है। टीम ने डेढ़ लाख रुपए जुटाकर बर्तनों का एक बैंक बनाया है, जिसमें एक हजार स्टील की प्लेटें, चम्मच और गिलास शामिल हैं। इस बर्तन बैंक द्वारा कार्यक्रमों के दौरान इच्छुक व्यक्तियों को निःशुल्क बर्तन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि कार्यक्रमों में डिस्पोजेबल वस्तुओं एवं प्लास्टिक के प्रयोग को रोका जा सके। इस पहल के माध्यम से डिस्पोजेबल प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को कम करके पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।

शहर में लगातार समाजसेवा कर रही टीम संडे का सुकून अब पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय हो गई है। टीम के सदस्यों ने शहर में शादियों और अन्य आयोजनों के दौरान प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए शहर का पहला बर्तन बैंक शुरू किया है। टीम के अनुसार, इस बैंक में फिलहाल एक हजार स्टील की प्लेटें, चम्मच और गिलास हैं, जिनसे डेढ़ लाख रुपए की राशि एकत्रित हो चुकी है। ये सभी बर्तन कार्यक्रम के दौरान इच्छुक व्यक्तियों को निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे।

कार्यक्रमों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा
यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह, विवाह या अन्य समारोहों में प्लास्टिक का उपयोग करने से बचना चाहता है, तो वह टीम संडे सुकून से संपर्क कर सकता है और इस सुविधा का मुफ्त लाभ उठा सकता है। इससे पर्यावरण की रक्षा होगी। इसके लिए टीम सदस्य अजय राठौड़ से मोबाइल नंबर 8319971833 पर संपर्क कर बर्तन प्राप्त किए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि टीम द्वारा जिला अस्पताल में प्रतिदिन जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन, गौमाता के लिए नियमित गौ-ग्रास, मोबाइल ठंडे पानी के प्याऊ, निशुल्क शव वाहन सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

टीम लगातार सामाजिक कार्यों में लगी रहती है।
शहर के जागरूक एवं सक्रिय समाजसेवी युवाओं का संगठन टीम संडे का सुकून पिछले कुछ वर्षों से लगातार समाजसेवा एवं सामाजिक कार्यों में जुटा हुआ है। टीम ने शहर के हित में कई अनुकरणीय कार्य किए हैं। इन गतिविधियों में साकरखेड़ी रोड पर निःशुल्क ताड़ के पेड़ लगाना, शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर बड़े गमलों में छायादार पेड़ लगाना, शहर के चुनिंदा स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट बनाना, अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों को निःशुल्क भोजन वितरित करना तथा धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान निःशुल्क सेवाएं प्रदान करना शामिल है।

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