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12 साल बाद ट्रायल शुरू, 28 जुलाई को आरोप तय होंगे

12 साल बाद ट्रायल शुरू, 28 जुलाई को आरोप तय होंगे

फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली पीएमटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के मामले में 12 साल बाद ट्रायल शुरू होने जा रहा है। यह मामला 2013 में ग्वालियर के झांसी रोड थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद चर्चाओं में आया था। अब 28 जुलाई को विशेष न्यायाधीश विशाल अखण्ड की अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें आरोप तय किए जाएंगे।

🔹 मामला क्या है?

यह मामला 2013 में उस समय सामने आया जब पीएमटी परीक्षा में फर्जी तरीके से प्रवेश लेने के आरोप सामने आए। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए होती है जो मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करना चाहते हैं। जांच में पता चला कि कई छात्रों ने फर्जी दस्तावेजों और अलग-अलग धोखाधड़ी तरीकों का इस्तेमाल करके पीएमटी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी।

🔹 जांच और सीबीआई का हस्तक्षेप

2015 में सीबीआई को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया। सीबीआई ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरे प्रकरण की गहन जांच की। जांच के बाद, 2020 में चार्जशीट पेश की गई और कई आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई गई।

इसके बाद, लंबी कानूनी प्रक्रिया और जांच के बाद, अब पाँच साल बाद यह मामला ट्रायल कोर्ट में पहुंचा है और 28 जुलाई को इस मामले की सुनवाई होगी।

🔹 आरोप तय होंगे

विशेष न्यायाधीश विशाल अखण्ड की अदालत में इस मामले में आरोप तय किए जाएंगे, जो कि पूरे मामले की न्यायिक प्रक्रिया की शुरुआत होगी। अदालत में आरोपियों की मौजूदगी में उन पर आरोपों की पुष्टि की जाएगी और उनकी सजा या दंड तय करने के लिए आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

🔹 कोर्ट में जमानत की स्थिति

इस मामले में कई आरोपी पहले ही जमानत पर बाहर हैं। अब इन आरोपियों को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।

🔹 न्याय का इंतजार

पीएमटी फर्जीवाड़ा ने राज्य में शिक्षा प्रणाली और जांच प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब जब ट्रायल शुरू हो रहा है, तो यह उन लाखों छात्रों के लिए उम्मीद का एक संकेत है जो शिक्षा में समानता और निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं।

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