सीहोर में थाने से महज 100 मीटर दूर चोरों ने की सेंधमारी, दुकानदार ने सूझबूझ से बचाई जान

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में चोरों ने एक हैरान करने वाली घटना को अंजाम दिया है। यह घटना जिले के एक थाने से महज 100 मीटर दूर स्थित दुकान में घटी, जहां चोरों ने दुकान में सेंधमारी करने की कोशिश की और दुकानदार के परिवार को धमकी भी दी। हालांकि, सूझबूझ दिखाने वाले दुकानदार ने किसी तरह से अपनी जान बचाई और चोरों को फरार होने के लिए मजबूर कर दिया। अब यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे इस घटना की गंभीरता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
घटना का विवरण
घटना सीहोर जिले के एक प्रमुख बाजार इलाके में स्थित एक दुकान की है। दुकानदार का परिवार दुकान के ऊपर ही निवास करता है। रात के समय जब दुकान से खटपट की आवाजें आईं, तो परिवार के सदस्य नीचे आए। लेकिन जब उन्होंने देखा कि हथियारबंद चोर दुकान में घुसे हुए थे, तो चोरों ने उन्हें धमकाकर वापस घर में भेज दिया। चोरों का मकसद दुकान को लूटना था, लेकिन दुकानदार की सूझबूझ ने उन्हें अपना काम पूरा करने का मौका नहीं दिया।
सूझबूझ से बची जान
दुकानदार ने तुरंत अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए यह तय किया कि वह चुपचाप चोरों को समय न दें और पड़ोसियों को जगाने की कोशिश करें। लेकिन इससे पहले कि चोर अपना काम पूरा कर पाते, उन्होंने खटपट की आवाजें सुनीं और डर के मारे वहां से भाग खड़े हुए। इस दौरान, दुकानदार ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए इलाके के कुछ पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाने की कोशिश की, लेकिन चोरों के फरार होने के बाद स्थिति शांत हो गई।
पुलिस की भूमिका और जांच
चोरों द्वारा की गई इस सेंधमारी के मामले में पुलिस को सूचित किया गया और त्वरित कार्रवाई शुरू की गई। चोरों की पहचान और उनके पकड़े जाने के लिए पुलिस की टीम इलाके में तलाशी ले रही है। हालांकि, इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कहीं न कहीं सुरक्षा में चूक भी हो सकती है, क्योंकि थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर यह घटना हुई है।
सोशल मीडिया पर वायरल
यह घटना अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जहां लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सतर्क होती तो इस घटना को रोका जा सकता था। वहीं, दुकानदार की सूझबूझ की भी सराहना हो रही है, जिसने जानमाल के नुकसान को कम किया और चोरों को अपना काम खत्म करने का मौका नहीं दिया।