विरोध के चलते घरों तक नहीं पहुंच पा रही टीम, अब खंभों पर लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर

शहर के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने में बिजली कंपनी को दिक्कत आ रही है। इसलिए अब खंभों पर स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है। शहर में अभी भी 6 हजार स्मार्ट मीटर लगने बाकी हैं। फिलहाल 26 हजार उपभोक्ताओं ने मीटर लगा लिए हैं और उन्होंने विरोध नहीं किया है, लेकिन बाकी उपभोक्ता मीटर लगाने को तैयार नहीं हैं। कंपनी के कर्मचारी यहां मीटर लगाने जाते हैं और विरोध होने पर लौट जाते हैं। ऐसे में अब कंपनी इन इलाकों में बिजली के खंभों पर मीटर लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बिजली कंपनी के अधिकारी पुलिस और प्रशासन की भी मदद ले रहे हैं। दरअसल, कंपनी ने डिजिटल मीटर हटाकर उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाने के लिए एक कंपनी से करार किया था। कंपनी का शहर के 39 वार्डों में 32 हजार मीटर बदलने का लक्ष्य था। सबसे पहले कंपनी ने इंदिरा कॉलोनी में मीटर लगाना शुरू किया। चार महीने में शहर में आधे से ज्यादा मीटर बदल दिए गए, लेकिन जब कर्मचारी कसाई मंडी, पठानी मोहल्ला, धरमपुरा और इसके आसपास के इलाकों में मीटर बदलने पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया। जिसके कारण कंपनी के कर्मचारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
इन इलाकों में होती है सबसे ज्यादा बिजली चोरी
बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि बिजली चोरी से सबसे ज्यादा प्रभावित यह इलाका है। यहां कई मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन बिजली चोरी नहीं रुकी है। यहां स्मार्ट मीटर लगाने से चोरी रुकेगी, लेकिन मीटर नहीं लगने दिए गए हैं। स्मार्ट मीटर का विरोध करने वाले लोगों के घरों में अभी भी पुराने मीटर लगे हुए हैं।
हर महीने दर्ज हो रहे बिजली चोरी के 300 मामले
दक्षिणी संभाग डीआई मोतीलाल साहू ने बताया कि स्मार्ट मीटर की मदद से बिजली चोरी पकड़ी जा रही है। सबसे ज्यादा बिजली चोरी उन इलाकों में होती है, जहां मीटर लगाने का विरोध हो रहा है। हर महीने 250 से 300 बिजली चोरी के मामले दर्ज हो रहे हैं। उधर, कंपनी का कहना है कि विरोध के कारण शहर के कई अन्य इलाकों में काम पूरा नहीं हो सका।
दिसंबर तक लक्ष्य पूरा बिजली वितरण कंपनी के एसई सुभाष नागेश्वर ने बताया कि कई बार प्रयास के बाद भी मीटर बदलने की अनुमति नहीं मिली है, इसलिए पोल पर मीटर लगाने की योजना है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है। वहां से मार्गदर्शन मिलने के बाद मीटर बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दिसंबर तक पूरे जिले में मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।