जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के बयान पर हाईकोर्ट ने बंद की स्वत: संज्ञान की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की पहली महिला मुस्लिम कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई अदालती कार्रवाई को बंद कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला इस आधार पर लिया कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
हाईकोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान
गौरतलब है कि मंत्री विजय शाह के बयान को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों और सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों में गहरा आक्रोश था। बयान के सार्वजनिक होते ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए स्वत: संज्ञान लिया था और मामले पर सुनवाई शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
मामले की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि अब यह मुद्दा देश की सर्वोच्च अदालत के विचाराधीन है, इसलिए एक ही विषय पर दो अलग-अलग अदालतों में समानांतर कार्यवाही न्याय संगत नहीं होगी। इसीलिए हाईकोर्ट ने स्वसंज्ञान की प्रक्रिया समाप्त करने का निर्णय लिया।
क्या था बयान?
मंत्री विजय शाह ने सेना की पहली मुस्लिम महिला कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर सार्वजनिक मंच से कुछ शर्मनाक और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर भारी विवाद हुआ था। बयान को न केवल महिलाओं के सम्मान और धार्मिक आधार पर भेदभाव से जोड़कर देखा गया, बल्कि इसे सेना के अनुशासनात्मक मूल्यों पर भी हमला माना गया।
विपक्ष ने की थी तीखी आलोचना
इस पूरे मामले पर विपक्षी दलों ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी और इसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बयान बताया था। हालांकि, मंत्री शाह ने अपने बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने की सफाई दी थी।