भीषण गर्मी के प्रचंड नौ दिनों को कहा जाता है नौतपा, मिलते हैं ये तीन बड़े संकेत

भीषण गर्मी के नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। नौतपा के दौरान गर्म हवाएं चलती हैं और भीषण गर्मी में ऐसा लगता है जैसे आसमान से आग बरस रही हो। विष्णु पुराण में नौतपा यानि प्रचंड गर्मी को कई राशियों से जोड़ा गया है।
सीहोर के ज्योतिषाचार्य पद्म भूषण ज्योतिषाचार्य डाॅ. पंडित गणेश शर्मा ने कहा कि हाल ही में बढ़ती गर्मी ने जिस तरह से अपना प्रारंभिक रूप दिखाया है, उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाला समय कितना खतरनाक हो सकता है। नौतपा के दौरान सूर्य देव धरती को गर्म कर देंगे। खासकर बढ़ती गर्मी के साथ लोगों को यह एहसास हो गया है कि इस साल लू कितनी खतरनाक हो सकती है। नौतपा का अर्थ संक्षेप में समझें तो इसका अर्थ है मई के अंत या जून की शुरुआत में पड़ने वाली भीषण गर्मी। इस अवधि के दौरान तीव्र गर्मी की लहरें चलती हैं। इसे नौतपा कहा जाता है। विष्णु पुराण में भविष्यवाणियां लिखी गई हैं, जिन्हें लोग तीव्र गर्मी और सर्दी से जोड़ते हैं। इस वर्ष नौतपा 25 मई से 3 जून तक चलेगा। आम बोलचाल में नौतपा का मतलब होता है भयंकर और तीव्र गर्मी के 9 दिन। इन 9 दिनों में धरती पर ऐसा नजारा दिखता है मानो आसमान से धरती पर आग बरस रही हो। हालांकि नौतपा 9 दिनों के बजाय 15-20 दिनों तक भी चल सकता है। गर्मियों के महीनों के दौरान, ये गर्म दिन आग फैलने जैसा महसूस हो सकते हैं। धार्मिक महत्व की बात करें तो जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो नौतपा शुरू हो जाता है। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो नौतपा समाप्त हो जाएगा।
नौतपा सिर्फ भीषण गर्मी ही नहीं लाता, बल्कि प्रकृति को भी देता है ये संकेत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो सूर्य की गर्मी बहुत बढ़ जाती है। धार्मिक मान्यता है कि अगर नौतपा के इन नौ दिनों में बारिश नहीं हुई तो उस साल भारी बारिश होगी। रोहिणी नक्षत्र तेज हवाओं से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह है कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने के प्रभाव से तेज हवाएं तूफान में बदल जाती हैं और फिर गर्म लहरें उठती हैं। वहीं भगवान चंद्र को शीतलता और मानसिक शांति का कारक माना जाता है लेकिन नौतपा के दौरान भगवान चंद्र नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं इसलिए नौतपा के दौरान शीतलता का प्रभाव दूर हो जाता है।