मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का पांचवां दिन हंगामेदार, विपक्ष ने खाद संकट और किसान वादों को उठाया मुद्दा
मध्य प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन की शुरुआत हंगामेदार रही, जब विपक्षी दलों ने प्रदेश में खाद की गंभीर कमी को मुद्दा बनाते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। "नैनो हटाओ, किसान बचाओ" के नारे लगाते हुए विपक्षी नेताओं ने न केवल खाद संकट पर सवाल उठाए, बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर भी सरकार को घेरा।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस नेता विधान सभा में काग्रेस नेता खाद और बीज के बोरे लेकर पहुंचे। इन बोरी में खाद की कमी और किसानों की परेशानियों का प्रतीक था। साथ ही, वे सफेद तख्तियों पर "सरकार के झूठे वादे" लिखकर विरोध जता रहे थे। इन तख्तियों पर किसानों से किए गए वादों की याद दिलाई जा रही थी, जिनमें मुख्य रूप से कृषि में सुधार और किसानों की आय दोगुनी करने की बात की गई थी, लेकिन विपक्ष का कहना था कि इन वादों का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के वास्तविक मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है और खाद की भारी कमी को हल करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि अगर सरकार अपने वादों को सही से निभाती, तो आज प्रदेश के किसान खाद और बीज की समस्या से जूझते हुए नहीं दिखते। इसके साथ ही, विपक्ष ने कृषि के क्षेत्र में सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की और उन्हें पूरी तरह से विफल बताया।
विधान सभा में कांग्रेस के इस प्रदर्शन से मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के खिलाफ सवाल उठाए गए। विपक्षी दलों ने सरकार से यह सवाल किया कि आखिरकार किसानों की मदद के लिए वे कब ठोस कदम उठाएंगे, और खाद की कमी जैसी समस्याओं से निजात कब दिलाएंगे।
वहीं, सरकार की ओर से कहा गया कि खाद की कमी पर लगातार काम किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उनके हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

