महेश्वर को जिला बनाने की मांग अब जनआंदोलन में बदली, संघर्ष समिति की पहली बैठक सम्पन्न

ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से विशेष पहचान रखने वाली नगरी महेश्वर को जिला बनाए जाने की वर्षों पुरानी मांग अब तेज़ी से जनआंदोलन का रूप ले रही है। इसी सिलसिले में रविवार को "महेश्वर जिला बनाओ संघर्ष समिति" की पहली औपचारिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
बैठक में महेश्वर को अलग जिला बनाए जाने के पक्ष में सांस्कृतिक, भौगोलिक और प्रशासनिक तर्क रखे गए। वक्ताओं ने कहा कि महेश्वर न केवल ऐतिहासिक नगरी है, बल्कि पर्यटन, हथकरघा उद्योग और धार्मिक महत्व के कारण यह राज्य के प्रमुख क्षेत्रों में से एक बन चुका है। फिर भी, इसे अब तक जिला दर्जा नहीं मिल पाया है।
क्षेत्रीय असंतोष और प्रशासनिक उपेक्षा पर चिंता
बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक रूप से महेश्वर के साथ लंबे समय से उपेक्षा का व्यवहार हो रहा है। सुविधाओं, विकास योजनाओं और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच में स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। यदि महेश्वर को जिला घोषित किया जाता है, तो यह न केवल विकास की गति को तेज करेगा, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों को भी बेहतर प्रशासनिक सुविधा मिलेगी।
आगे की रणनीति तय
संघर्ष समिति ने तय किया कि जल्द ही हस्ताक्षर अभियान, जनजागरण रैली और जनप्रतिनिधियों से संवाद जैसे कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। साथ ही इस मुद्दे को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के समक्ष भी रखा जाएगा। समिति ने एक स्वर में कहा – "महेश्वर अब जिला बनकर रहेगा!"