Samachar Nama
×

स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर अनुभव साझा किया

स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर अनुभव साझा किया

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने आज बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के बाद अपनी भावनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद उन्होंने बाबा महाकाल की भस्म आरती में भाग लिया, और इस अनुभव ने उनके दिल को गहरी प्रसन्नता दी।

स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आज, जब मैंने बाबा महाकाल की भस्म आरती देखी, तो मन प्रफुल्लित हो गया। हर दिशा में बाबा महाकाल की महिमा गूंज रही थी। एक ओर 'भोले बाबा तव शरणम्, महाकालेश्वर तव शरणम्' की गूंज कानों में सुनाई दे रही थी, वहीं दूसरी ओर उज्जैन के ब्राह्मण और तीर्थ पुरोहित वैदिक परंपरा से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन कर रहे थे।"

स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने यह भी बताया कि वर्षों बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती में भाग लेने का अवसर मिला और इस बार पूजन के तरीके को देखकर उन्हें अत्यधिक प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा, "यह पूजन विधि वैदिक परंपराओं के अनुरूप अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया था, जिससे बाबा महाकाल के प्रति श्रद्धा का स्तर और भी गहरा हो गया है।"

स्वामी जी ने बाबा महाकाल के दर्शन और भस्म आरती की महिमा के बारे में कहा कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि भक्तों को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करने और उन्हें परमात्मा के निकट लाने का एक माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने से जीवन में शांति और संतुलन आता है, और यह पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

ध्यान रखने योग्य:
भस्म आरती महाकाल के दर्शन का एक विशेष और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों को बाबा महाकाल के प्रति श्रद्धा और आस्था को प्रकट करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करती है। स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने इस आरती के महत्व को उच्चस्तरीय श्रद्धा और भक्ति के रूप में व्यक्त किया।

Share this story

Tags