वन भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, नहीं माना तो नपेंगे एमपी के अफसर

मध्य प्रदेश में वन भूमि के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद एक बार फिर हलचल मच गई है। यह मामला लाखों हेक्टेयर वन भूमि से जुड़ा है, जो वन विभाग की है, लेकिन फिलहाल उसके कब्जे में नहीं है। जमीन सरकारी प्रोजेक्ट के लिए दी जा चुकी है या फिर माफियाओं के कब्जे में है। आपको बता दें कि यह मामला ऑरेंज और फॉरेस्ट ब्लॉक में निजी जमीन से अलग है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले एक साल में जमीन वापस लेनी होगी। जो जमीन वापस नहीं ली जा सकेगी, उसकी कीमत वसूलनी होगी। अब अगर वन विभाग इस आदेश के तहत कार्रवाई करता है तो कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट पर संकट आ सकता है। वन भूमि पर कब्जा जमाए बैठे माफियाओं पर भी संकट मंडराएगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट में वन विभाग के अफसरों पर गाज गिरनी तय है। वन विभाग के एसीएस अशोक वर्णवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:
1. ऐसी सभी भूमि जो वन विभाग के कब्जे से बाहर हैं और वन भूमि घोषित हैं तथा राजस्व विभाग के कब्जे में हैं या राजस्व विभाग द्वारा किसी संस्था या व्यक्ति को उपयोग के लिए दी गई हैं या अवैध रूप से कब्जा किया गया है, उसे एक वर्ष के भीतर वापस लिया जाए।
2. घोषित वन भूमि जो राजस्व विभाग के अलावा किसी अन्य के कब्जे और प्रबंधन में है, उसे जनहित में वापस नहीं लिया जा सकता है तो बदले में उक्त भूमि का मूल्य वसूला जाए। उक्त राशि का उपयोग अन्य स्थानों पर पेड़ लगाने और वन बनाने में किया जाए।
इसलिए लेनी होगी लाखों हेक्टेयर भूमि
वन विशेषज्ञ अनिल गर्ग का कहना है कि आदेश की व्याख्या के आधार पर एसीएस वन द्वारा जारी आदेश में सभी प्रकार की वन भूमि शामिल है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वन विभाग ने 1980 से पहले राजस्व विभाग को करीब दो लाख हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित की थी, जो सड़क, नहर, बांध निर्माण के लिए दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वापस ली जाएगी जमीन
1980 से पहले भी करीब 17 लाख हेक्टेयर जमीन इसी तरह के उद्देश्यों के लिए दी गई थी। बाकी हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। अगर इन सबको जोड़ दिया जाए तो वन विभाग को कोर्ट के आदेश के तहत यह सारी जमीन वापस लेनी होगी। कोर्ट ने कहा कि जो जमीन वन भूमि है, लेकिन विभाग के कब्जे से बाहर है, उसे वापस लिया जाना चाहिए।