उज्ज्वला योजना में सब्सिडी गड़बड़ी का खुलासा, दो लाख महिलाओं ने हटवाए पति के नाम, खाद्य विभाग ने शुरू की जांच
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों के वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है। आशंका जताई जा रही है कि करीब दो लाख महिलाओं ने योजना का लाभ उठाने के लिए अपने गैस कनेक्शन से पति या परिवार के अन्य पुरुष सदस्य का नाम हटवा दिया है।
इस गड़बड़ी को लेकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए नई कनेक्शन ट्रांसफर प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही तेल कंपनियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे ऐसे किसी आवेदन पर विचार न करें जब तक जांच पूरी न हो जाए।
कैसे हुआ संदेह?
जानकारी के मुताबिक, बीते एक साल में बड़ी संख्या में महिलाओं ने गैस कनेक्शन के नाम में बदलाव कराने के लिए आवेदन किए। इस दौरान सामने आया कि इन बदलावों का उद्देश्य केवल सरकारी योजनाओं से दोहरी सब्सिडी लेना था।
विशेषकर 'लाड़ली बहना योजना' की लाभार्थी महिलाएं उज्ज्वला योजना के तहत गैस सब्सिडी भी प्राप्त कर सकें, इसके लिए उन्होंने घर के पुरुष सदस्य का नाम हटाकर अपने नाम गैस कनेक्शन ट्रांसफर करवा लिए।
सब्सिडी की दोहरी मार
लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर दिए जाते हैं। अब संदेह यह है कि कुछ परिवारों ने सामूहिक रूप से योजनाओं का लाभ दुगना करने के लिए यह बदलाव कराए।
खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया—
“इस तरह की हेराफेरी से सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है और वास्तव में जरूरतमंद हितग्राही योजना से वंचित हो सकते हैं।”
ऑडिट और जांच शुरू
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने विस्तृत ऑडिट शुरू करवाया है। विभागीय अधिकारियों को डीलर स्तर पर डेटा खंगालने, सिलेंडर की खपत और सब्सिडी के ट्रांजैक्शन की जांच करने को कहा गया है।

