मराठी भाषा के मंच पर दिखी ठाकरे भाइयों की एकजुटता, राजनीतिक गठबंधन को लेकर अटकलें तेज
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर ठाकरे भाइयों की नजदीकियों की चर्चा जोरों पर है। हाल ही में मराठी भाषा को लेकर आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे एक ही मंच पर नजर आए। दोनों नेताओं के एक साथ मंच साझा करने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि दोनों दलों के बीच राजनीतिक गठबंधन की संभावना बन रही है।
मराठी अस्मिता के मंच पर दिखा एकजुटता का संकेत
कार्यक्रम में मराठी भाषा और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत पर जोर दिया गया। भाषणों के दौरान दोनों नेताओं ने मराठी भाषा को लेकर एक सुर में चिंता जताई और उसे बचाने की जरूरत बताई। मंच पर उनके साथ नजर आना न केवल सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अहम था, बल्कि इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल भी तेज हो गई है।
गठबंधन पर बोले राज ठाकरे – अभी कुछ नहीं कहना
जब मीडिया ने कार्यक्रम के बाद राज ठाकरे से संभावित गठबंधन को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा,
"इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।"
इस जवाब ने कयासों को और हवा दे दी है। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) की ओर से इस पर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना?
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के रिश्तों में बीते वर्षों में तल्खी देखी गई है, लेकिन मराठी अस्मिता के मुद्दे पर दोनों का एक मंच पर आना, आगामी नगर निकाय चुनावों या 2029 विधानसभा चुनाव को देखते हुए नई राजनीतिक दिशा का संकेत हो सकता है।

