सोनम ने क्राइम सीन रीक्रिएशन में कबूला... पति राजा की हत्या के वक्त थी मौजूद, पहली साजिश में नहीं थी राजा रघुवंशी के मर्डर की प्लानिंग

23 मई 2025 को मेघालय के खूबसूरत लेकिन खतरनाक जंगलों में एक ऐसा अपराध घटा, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह कहानी है राजा रघुवंशी की हत्या की, जिसे अंजाम देने के लिए सोनम ने छह बार कोशिश की थी। यह केवल एक हत्या नहीं थी, बल्कि धोखे, साजिश, और मृगतृष्णा जैसी इच्छाओं से उपजी भयावह त्रासदी थी।
चेरापूंजी की सुबह और कैमरे में कैद होता सच
23 मई की सुबह करीब 9:45 बजे, यूट्यूबर देव सिंह चेरापूंजी के नोग्रियाट क्षेत्र में डबल डेकर रूट ब्रिज देखने पहुंचे थे। ट्रैवल व्लॉग शूट कर रहे देव सिंह का कैमरा लगातार रिकॉर्ड कर रहा था। उसी फुटेज में अचानक एक दृश्य कैद हो गया, जो बाद में हत्या के रहस्य को खोलने वाला सबसे बड़ा सबूत बना। कैमरे में सोनम और राजा एक पगडंडी पर चढ़ते दिखे। सोनम सफेद शर्ट और काले ट्राउजर में थी, हाथ में डंडा और पॉलिथीन लिए हुए। उसके पीछे राजा चल रहा था, सफेद बनियान और काली पैंट पहने हुए, पानी की बोतल लिए। इसी वीडियो में एक और लड़का भी दिखा, जो वीडियो शूट कर रहा था। कोई नहीं जानता था कि यह राजा की आखिरी यात्रा होगी।
एक प्रेम विवाह, जो मौत में तब्दील हुआ
सोनम और राजा की शादी को मात्र 12 दिन हुए थे। लेकिन शादी के तुरंत बाद से सोनम की मंशा साफ हो चुकी थी—वह राजा को नहीं चाहती थी। हालांकि, पारिवारिक दबाव और पिता की बीमारी के डर से वह शादी से इंकार भी नहीं कर पाई। ऐसे में उसने अपने प्रेमी राज और तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर राजा को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
हत्या की जगह और समय
राजा और सोनम ट्रैकिंग करते हुए करीब डेढ़ बजे नोग्रियाट के सेल्फी पॉइंट पर पहुंचे। यह वही जगह थी जहां रेलिंग के उस पार गहरी खाई थी। सोनम पहले से तीनों हत्यारों को वहां बुला चुकी थी। राजा थककर वॉशरूम की ओर बढ़ा ही था कि तीनों हमलावरों ने उस पर हमला कर दिया। सोनम कुछ दूरी पर खड़ी थी और आंखों के सामने अपने पति की हत्या देख रही थी। राजा के मरने के बाद लाश को खाई में फेंकने की कोशिश हुई, लेकिन रेलिंग ऊंची होने के कारण दिक्कत आई। तब खुद सोनम ने आगे बढ़कर लाश को उठाने में मदद की और उसे नीचे खाई में फेंक दिया।
फरारी और गुमनामी की यात्रा
हत्या के बाद चारों लोग स्कूटी पर बैठकर वहां से निकल गए। सोनम खुद एक स्कूटी चला रही थी। शाम होते-होते सभी मेघालय छोड़ चुके थे। सोनम बुरका पहनकर टैक्सी से गुवाहाटी, फिर सिलिगुड़ी, पटना, आरा और लखनऊ होते हुए इंदौर पहुंची। 25 मई को वह देवास गेट इलाके में उस अपार्टमेंट में पहुंची, जिसे उसने पहले से किराए पर ले रखा था।
पुलिस को भनक और गुमशुदगी की रिपोर्ट
26 मई को राजा और सोनम की गुमशुदगी की रिपोर्ट मेघालय पुलिस में दर्ज हुई। 2 जून को राजा की लाश खाई से बरामद हुई, जिससे मामला हत्या में बदल गया। इस दौरान सोनम इंदौर के एक कमरे में टीवी पर खुद के लिए की जा रही दुआएं और खोज अभियान देख रही थी।
अगली साजिश और पहली गिरफ्तारी
सोनम का अगला प्लान था – इंदौर से फिर मेघालय की ओर निकल जाना और खुद को ड्रग्स की गिरफ्त में बताकर "जिंदा बरामद" करवाना। लेकिन 8 जून को पुलिस ने पहला आरोपी आकाश को सिविल ड्रेस में गिरफ्तार कर लिया। यह खबर सोनम तक भी पहुंच गई। राज ने उसे सलाह दी कि अब वह गाजीपुर पहुंच जाए और खुद ही अपने घरवालों को जिंदा होने की सूचना दे दे।
गिरफ्तारी और उजाला की गवाही
सोनम वाराणसी कैंट से बस में बैठती है और गाजीपुर पहुंचती है। रास्ते में उजाला नाम की एक लड़की से उसकी बातचीत होती है, जो बाद में राजा के परिवार से संपर्क कर पूरी जानकारी साझा करती है। रात 2 बजे गाजीपुर के एक ढाबे से फोन कर सोनम अपने भाई को फोन करती है और वहीं से उसकी गिरफ्तारी हो जाती है।
मेघालय में जांच और खुलासे
सोनम को बाकी आरोपियों के साथ मेघालय लाया गया। पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार, सोनम ने फरवरी 2024 से ही राजा को मारने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। पहले प्रयास में वह नदी किनारे अपना बैग छोड़कर "लापता" हो जाना चाहती थी। फिर एक लड़की को मारकर उसकी जली हुई लाश को अपनी बताकर खुद को मरा हुआ साबित करना चाहती थी। दोनों ही प्रयास नाकाम रहे।
आखिरी प्लान और सफलता
आखिरकार मई में शादी के बाद, सोनम और राजा हनीमून के नाम पर 20 मई को गुवाहाटी पहुंचे। तीनों हत्यारे पहले ही वहां थे। वहां हत्या नहीं हो पाई तो सोनम ने मेघालय चलने की सलाह दी। 21, 22 मई को भी प्रयास असफल रहे। 23 मई को आखिरकार वह राजा को मारने में सफल रही। राजा रघुवंशी की हत्या केवल एक क्राइम स्टोरी नहीं है, यह एक लड़की की उस मानसिकता की कहानी है जिसने प्यार, जिम्मेदारी और डर के बीच फंसे होने के कारण एक ऐसा रास्ता चुना जिसमें मासूम की जान चली गई। सोनम के छः प्रयासों की यह कहानी बताती है कि किस हद तक इंसान भावनात्मक उलझनों और स्वार्थ की वजह से अमानवीयता की हद पार कर सकता है।
अब यह मामला अदालत में है, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि यूट्यूबर का वह वीडियो न होता, तो शायद यह गुनाह कभी सामने नहीं आता। सोनम, उसके प्रेमी राज और उनके साथी अब पुलिस हिरासत में हैं और उन पर हत्या की साजिश, हत्या और सबूत मिटाने के संगीन आरोप हैं।