सोशल मीडिया बना नौकरी पाने का नया आधार, कंपनियां कर रही हैं आवेदकों की प्रोफाइल की गहन जांच

प्लेसमेंट का सीजन शुरू होते ही कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया में एक नया और अहम बदलाव देखने को मिला है। अब केवल बायोडाटा और शैक्षिक योग्यता नहीं, बल्कि आवेदकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी कंपनियां बारीकी से नजर रख रही हैं।
📱 सोशल मीडिया से हो रही पेशेवर छवि का आकलन
मध्य प्रदेश समेत पूरे देशभर की बड़ी कंपनियां लिंक्डइन, इंस्टाग्राम, फेसबुक, और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आवेदकों की गतिविधियों का विश्लेषण कर रही हैं। इन सोशल मीडिया प्रोफाइल के माध्यम से कंपनियां आवेदकों के:
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पेशेवर अनुभव,
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व्यक्तित्व,
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सोच,
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व्यवहार,
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और टीम वर्क की क्षमता का मूल्यांकन कर रही हैं।
🔍 बायोडाटा से आगे सोशल मीडिया की ताकत
कंपनियां मानती हैं कि बायोडाटा सिर्फ कागज पर उपलब्ध जानकारियों का संग्रह होता है, जबकि सोशल मीडिया प्रोफाइल से आवेदक की वास्तविक छवि सामने आती है। उदाहरण के तौर पर, आवेदक की पोस्ट, कमेंट, नेटवर्क, और प्रोफेशनल एटीट्यूड से उसकी योग्यता और काम करने का तरीका पता चलता है।
⚠️ सोशल मीडिया पर सावधानी बरतने की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि अब आवेदकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सावधानी से मैनेज करें। अनावश्यक विवादित पोस्ट, नकारात्मक टिप्पणियां या अनुचित सामग्री से बचना चाहिए क्योंकि ये उनके कैरियर पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं।
📈 कंपनियों के लिए यह कदम क्यों जरूरी?
डिजिटल दुनिया में जब हर व्यक्ति की पहचान सोशल मीडिया पर स्थापित होती है, तब कंपनियों के लिए आवेदकों की पूरी छवि को समझना और उनकी टीम में फिट होने की संभावना का आंकलन करना अधिक प्रभावी हो गया है।