राजा की मां ने खोली सोनम की पोल...राजा रघुवंशी हत्याकांड के वो अहम सवाल, जिनके जवाब पर टिकी है पूरी जांच

मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 30 वर्षीय कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। महज एक महीने पहले जिस लड़की को उसने अपनी जीवनसंगिनी बनाया था, वही उसकी मौत की साजिश की मास्टरमाइंड निकली। इस घटना ने न सिर्फ परिवार बल्कि आम जनता को भी एक ऐसे अपराध से रूबरू कराया, जिसकी पटकथा किसी थ्रिलर फिल्म जैसी लगती है। 11 मई को शादी, फिर हनीमून के नाम पर मेघालय का सफर, और अंत में 2 जून को राजा की लाश खाई में पड़ी मिली। पुलिस ने खुलासा किया है कि सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन सुपारी किलर्स की मदद से अपने पति की हत्या की साजिश रची थी। 8 जून की रात उसने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सरेंडर कर दिया और अगले दिन उसे मेडिकल जांच के बाद गाजीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां शिलॉन्ग पुलिस को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दी गई।
विवाह से लेकर हत्या तक की खौफनाक कहानी
शादी की तारीख 11 मई थी। इस दिन सोनम की दुल्हन के रूप में तस्वीरें वायरल हुई थीं। परिवार खुश था, रिश्तेदारों में खुशी की लहर थी। लेकिन इस उत्सव के पीछे एक गहरा षड्यंत्र पल रहा था। सोनम पहले से ही राज कुशवाहा नामक युवक से प्रेम करती थी, जो उसके पिता की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था। लेकिन परिवार ने उसकी जबरन शादी राजा से करा दी। सोनम ने राजा को हनीमून के लिए मेघालय चलने का प्रस्ताव दिया, लेकिन टिकट केवल जाने का करवाया गया, वापसी का नहीं। पुलिस को शक है कि हत्या के बाद भागने की योजना के तहत यह कदम उठाया गया। 2 जून को राजा की लाश शिलॉन्ग की एक खाई से मिली। शव से सभी सामान गायब था। पहले पुलिस को लूट की आशंका हुई, लेकिन जब सोनम गायब मिली, तो मामला रहस्यमय हो गया। देशभर में सोनम की सलामती की दुआएं की जा रही थीं, लेकिन जब वह जिंदा मिली, तो सारा शक उसी पर आ गया।
प्रेमी, पैसे और सुपारी किलर्स: गुनाह का पूरा तानाबाना
जांच में खुलासा हुआ कि इस हत्या में कुल पांच लोग शामिल थे। सोनम, उसका प्रेमी राज कुशवाहा और तीन सुपारी किलर—विक्की ठाकुर, आकाश राजपूत और आनंद। सोनम ने मेघालय की लोकेशन पहले ही तय कर रखी थी। वहां उसने एक सुनसान इलाका चुना, जहां लोगों का आना-जाना कम हो। पुलिस के अनुसार, सोनम ने हत्या से पहले राजा को वहीं ले जाकर बिठाया और फोन पर अपनी लोकेशन राज को भेजी। सीसीटीवी फुटेज में सोनम और राजा एक बाइक पर दिखे हैं, जबकि सोनम लगातार किसी से चैट कर रही थी।
हत्या के बाद सभी आरोपी गुवाहाटी भाग गए और अलग-अलग दिशाओं में छिप गए। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और कॉल डिटेल्स के आधार पर सबको ट्रैक किया। सोनम आखिरकार 8 जून की रात गाजीपुर में एक चाय की टपरी पर मिली, जहां से उसने घरवालों को कॉल कर अपनी लोकेशन बताई और खुद को अगवा होने की झूठी कहानी सुनाई।
परिवार की अनदेखी और गहराता शक
राजा और सोनम की शादी एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में तय हुई थी। शादी से पहले सोनम कभी बात करने या मिलने को तैयार नहीं हुई। राजा ने जब फिल्म देखने की बात की तो सोनम की मां ने यह कहकर मना कर दिया कि उनके यहां ऐसी परंपरा नहीं है। यह रवैया राजा को खटक रहा था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राजा के परिवार का आरोप है कि विदाई को लेकर भी सोनम के घरवालों ने जल्दीबाज़ी की। पंडित ने 31 मई का मुहूर्त बताया था, लेकिन विदाई 3 दिन पहले ही करा दी गई। इससे परिवार को शक हुआ कि कुछ छिपाया जा रहा है। बाद में जांच में सामने आया कि सोनम शादी से खुश नहीं थी और उसका अफेयर पहले से चल रहा था।
हत्या के पीछे पैसे और गहनों का लालच?
पुलिस को यह भी शक है कि सोनम ने जानबूझकर शादी की, ताकि दहेज में मिले पैसे और गहनों का इस्तेमाल हत्या और भागने के लिए कर सके। मेघालय की बुकिंग, एकतरफा टिकट और हत्या की जगह का चुनाव इस दिशा में संकेत देते हैं। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल मोबाइल चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स को भी जब्त कर लिया है, जो पूरे मामले को मजबूती से जोड़ते हैं।
अब सोनम से गहन पूछताछ जारी
सोनम फिलहाल शिलॉन्ग पुलिस की हिरासत में है और उससे हत्या, साजिश और भागने की पूरी योजना पर पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस साजिश में सोनम का परिवार या अन्य कोई शामिल तो नहीं था।