इंदौर में बारिश बनी ट्रैफिक की बड़ी मुसीबत, सड़कें गड्ढों से जर्जर, अगस्त तक राहत नहीं

इंदौर-देवास बाइपास पर हाल ही में हुए भारी ट्रैफिक जाम ने जहां प्रदेश की राजधानी भोपाल तक हलचल मचा दी, वहीं खुद इंदौर शहर की हालत भी कुछ कम नहीं है। हर दिन हजारों वाहन शहर की सड़कों पर गुत्थम-गुत्था होते हैं, और बारिश ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
🌧️ बारिश से बिगड़ी सड़कें, वाहन चालकों की बढ़ी परेशानी
मानसून की शुरुआत के साथ ही इंदौर की सड़कों पर गड्ढों की भरमार हो गई है। हर मुख्य मार्ग और बस्ती क्षेत्र की सड़कें टूटने लगी हैं। वाहन चालक गड्ढों से बचते हुए सड़कों पर चलने को मजबूर हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और जाम की स्थिति अक्सर बन जाती है।
🏗️ पेचवर्क टेंडर जारी, लेकिन बारिश बनी बाधा
नगर निगम द्वारा सड़क सुधार के लिए पेचवर्क के टेंडर तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के मौसम में पेचवर्क कार्य नहीं हो सकता। बारिश में किया गया मरम्मत कार्य लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहता। यही वजह है कि नगर निगम ने सड़क मरम्मत कार्य मानसून के बाद तक टाल दिया है।
📆 अगस्त तक गड्ढों से राहत नहीं
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, अगस्त माह तक सड़क सुधार कार्य संभव नहीं है। इसका मतलब यह है कि इंदौरवासियों को कम से कम दो महीने तक गड्ढों से जूझना पड़ेगा। बारिश के दौरान इन गड्ढों में पानी भर जाने से दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई है।
🚦 ट्रैफिक जाम और नागरिकों की बढ़ती चिंता
सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि छोटी सी बारिश में भी ट्रैफिक रेंगने लगता है। ऑफिस जाने वाले, स्कूल बसें, एम्बुलेंस सेवा—सभी प्रभावित हो रही हैं। नागरिकों का कहना है कि नगर निगम को अस्थायी समाधान पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि राहत मिल सके।