राहुल गांधी का बयान नादानी भरा, इसलिए लोग उन्हें पप्पू कहते हैं: मुख्यमंत्री मोहन यादव

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मंगलवार को दिए गए विवादित बयान को ‘नादानी भरा’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भाषा और व्यवहार न केवल नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि यह देश के संस्कारों के लिए भी अपमानजनक है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह टिप्पणी राहुल गांधी के भोपाल में आयोजित कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के दौरान किए गए आरोपों के जवाब में की।
मुख्यमंत्री यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "नेता प्रतिपक्ष का पद बहुत ही गरिमापूर्ण होता है, लेकिन राहुल गांधी जिस प्रकार मर्यादा और सम्मान को ठेंगा दिखाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलते हैं, वह न केवल उनकी खुद की इज्जत खराब करता है, बल्कि देश के संस्कारों के खिलाफ भी है।" उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने जूते पहनकर अपनी दादी को पुष्पांजलि दी, जो कि बहुत ही अनुचित और अशोभनीय कार्य है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जो भाषा उन्होंने अपनाई, उससे उनकी हल्कापन उजागर हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस बयान को निंदनीय बताया।
मोहन यादव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को जिस तरह सैन्य मोर्चे पर करारी हार दी, वह पूरी दुनिया ने देखी और सराही है। "राहुल गांधी के इस तरह के बयानों से यह साफ होता है कि वे न केवल नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को समझने में नाकाम हैं, बल्कि उनकी भाषा भी अपमानजनक और पीड़ादायक है। यही कारण है कि जनता उन्हें ‘पप्पू’ के नाम से पुकारती है," उन्होंने कहा।
राहुल गांधी के ऊपर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनका व्यवहार यह दर्शाता है कि वे अभी तक राजनीतिक और सामाजिक परिपक्वता से दूर हैं। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी के इस तरह के बयानों पर उनके समर्थक तालियां बजाते हैं, लेकिन आने वाले समय में कांग्रेस को इसके भारी नतीजे भुगतने होंगे।"
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान पर तंज
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी मध्य प्रदेश कांग्रेस की जड़ें मजबूत करने के लिए आए थे। लेकिन उनका सुझाव है कि पहले अपनी बुद्धि का सृजन करें, उसके बाद बाकी बातों पर विचार करें। "उन्हें देश के संस्कारों को समझना होगा, पुष्पांजलि कैसे दी जाती है, यह सीखना होगा। जूते पहनकर पुष्पांजलि देना उचित नहीं है, फूलों को सीधे फेंकना चाहिए," उन्होंने कहा।
उन्होंने साफ कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। "राहुल गांधी ने जो बातें कहीं, उनका मैं कड़ाई से विरोध करता हूँ," मुख्यमंत्री ने कहा।
कांग्रेस के भीतर विवाद भी बढ़े
राहुल गांधी द्वारा अपनी पार्टी के अंदर 'तीन तरह के घोड़े' होने का कथित बयान भी विवाद का विषय बना हुआ है। इस पर केंद्रीय मंत्री राकेश सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया है। "वे अपने नेताओं को इस तरह की उपमाएं दे रहे हैं, जो उनके राजनीतिक चरित्र को दिखाती हैं," मंत्री राकेश सिंह ने कहा।
वहीं, भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी ने राहुल गांधी की इस हरकत को 'बुद्धिहीनता' करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री और भारतीय सेना का अपमान कर रहे हैं। उनका यह व्यवहार न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि देश के प्रति उनका सम्मान भी प्रश्न के घेरे में आता है।
राजनीतिक गलियारे में बढ़ती नोक-झोंक
राहुल गांधी के बयान और मुख्यमंत्री मोहन यादव की प्रतिक्रिया के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी के बयान पर चर्चा होनी चाहिए, जबकि भाजपा इसे अनुचित और असंवेदनशील बताकर पलटवार कर रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस विवाद से मध्य प्रदेश की राजनीति में भी चुनावी माहौल प्रभावित हो सकता है, क्योंकि दोनों ही पार्टियां अपनी छवि सुधारने और जनसमर्थन जुटाने में लगी हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दल ऐसे बयानों और प्रतिक्रियाओं के जरिए अपनी जमीन मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।