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MP Bhopal Aishbagh Bridge में 90 Degree वाले टर्न पर उठे सवाल, मजाक बना तो क्या बोली सरकार?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में बनकर तैयार हुआ पुल इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर जहां इसके डिजाइन को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसके मीम्स भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे....
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में बनकर तैयार हुआ पुल इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर जहां इसके डिजाइन को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसके मीम्स भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियरों के सुरक्षा मापदंडों को भी कोर्ट में उठाया जा रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस और उसके नेता इसे लेकर स्थानीय विधायकों से लेकर इंजीनियरों और मंत्रियों को घेर रहे हैं। PWD मंत्री ने इस पर जवाब दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

कांग्रेस ने उठाए ये सवाल


MP कांग्रेस ने एक पोस्ट में लिखा कि "इंजीनियर विश्वास सारंग की देखरेख में नरेला में बना एक पुल, जो सीधा न जाकर 90 डिग्री पर घूम गया। छोटी-छोटी नालियों और गलियों के काम की तस्वीरें खींचने वाले सारंग जी को इस भारी-भरकम पुल के डिजाइन पर ध्यान नहीं गया? या इसे जानबूझकर अनदेखा किया गया? यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है।"

आ रहे हैं ऐसे मीम्स


इस पुल को लेकर सोशल मीडिया में मीम्स भी वायरल हो रहे हैं। एमपी कांग्रेस ने इस पर एक मीम शेयर करते हुए लिखा कि "ये है अजब-ग़ज़ब, दुनिया खा आवां अजूबा। भोपाल आकर देखोगे, शायद अभी फ्री है, वरना जिस रफ़्तार से सरकार पैसे कमाने के तरीके खोज रही है, कल टिकट भी लगेंगे।" ऐसा ही एक मीम भी

भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण: उमंग सिंघार


उमंग सिंघार ने इसके बारे में लिखा कि "भोपाल में बना भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का अनूठा स्मारक। भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना 90 डिग्री का ओवरब्रिज सिर्फ पुल नहीं बल्कि घोटालों का पुल है। सिविल इंजीनियरिंग डिग्रीधारी माननीय मंत्री विश्वास सारंग जी की 'विशेष देखरेख' में बना यह 'दुर्लभ नमूना' आज पूरे देश में वास्तुकला और इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जा रहा है। पूरा देश सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार के विकास मॉडल को देख रहा है। मैं तकनीकी शिक्षा विभाग को सुझाव देता हूं कि इस पुल को केस स्टडी के तौर पर अपने सिलेबस में शामिल करें ताकि इंजीनियरों की आने वाली पीढ़ी को भी पता चले कि जब घोटालों की बीमों पर भ्रष्टाचार और कमीशन के स्तंभ फैले होते हैं तो ऐशबाग स्टेडियम ओवरब्रिज जैसे चमत्कार पैदा होते हैं।"

अजय सिंह ने लिखा कि "नरेला में बना 'विकास पुल' जो सीधा नहीं, बल्कि 90 डिग्री पर मुड़ा हुआ है! विश्वास सारंग जी की देखरेख में बना यह पुल सवालों से घिरा हुआ है- क्या इतने बड़े प्रोजेक्ट के डिजाइन पर उनकी नजर नहीं थी, या फिर जानबूझकर इसे अनदेखा किया गया? यह सिर्फ इंजीनियरिंग की गलती नहीं है, बल्कि व्यवस्थागत भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार का ठोस उदाहरण है। भोपाल का घुमावदार 'चमत्कारी' पुल- इंजीनियरिंग का उदाहरण या हादसों को न्योता?

लागत और सुरक्षा पर भी उठे सवाल


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 18 करोड़ की लागत और 8 साल की मेहनत से बना ऐशबाग ओवरब्रिज अब मजाक बनकर रह गया है। वजह है पुल पर बना लगभग 90 डिग्री का मोड़, जिसे देखकर लोग हैरान हैं। वाहन चालकों का कहना है कि यह मोड़ भविष्य में हादसों का कारण बन सकता है। अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जनता का गुस्सा साफ तौर पर सामने आ रहा है।

पीडब्ल्यूडी मंत्री का जवाब

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पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का कहना है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की टीम ने साइट निरीक्षण किया है राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में बने रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की जांच टीम कर रही है। कल टीम द्वारा तकनीकी रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके आधार पर अगला निर्णय और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने मीडिया से कहा कि पुल बनने के बाद अचानक कुछ विशेषज्ञ आकर इस तरह की बातें करने लगते हैं, जबकि किसी भी पुल को बनाते समय कई तकनीकी पहलुओं को देखा जाता है। अगर कोई आरोप है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

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