प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति पर सवाल, 65,180 करोड़ का ऋण लेकर पुराने कर्ज और ब्याज का भुगतान
मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हर साल सरकार पुराने कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने के लिए नए ऋण ले रही है, जिसके कारण राज्य के विकास कार्यों को बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वर्ष 2023-24 में ही प्रदेश सरकार ने 65,180 करोड़ रुपये का नया ऋण लिया, और इसका एक बड़ा हिस्सा पुराने उधारी और उसके ब्याज को चुकाने में खर्च किया गया।
सरकार ने बताया कि इस 65,180 करोड़ रुपये में से लगभग 21,000 करोड़ रुपये पुरानी उधारी और ब्याज चुकाने के लिए खर्च किए गए। इसका मतलब यह है कि करीब 33 फीसदी राशि सरकार के विकास कार्यों के बजाय पुराने कर्ज चुकाने पर खर्च हो रही है, जिससे विकास के लिए उपलब्ध संसाधन बहुत सीमित हो गए हैं।
विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि यह स्थिति राज्य के वित्तीय प्रबंधन में गंभीर खामी को दर्शाती है। विपक्ष का कहना है कि अगर सरकार हर साल कर्ज लेकर पुराने कर्ज का ब्याज चुकाती रहेगी, तो राज्य में विकास कार्यों के लिए बजट कहां से आएगा? उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या यह तरीका राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारने का उपाय है, या यह केवल एक अस्थायी समाधान है?
प्रदेश सरकार ने हालांकि इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि कर्ज लेने का यह तरीका विकास कार्यों को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए जरूरी था। सरकार का कहना है कि विकास कार्यों के लिए विभिन्न योजनाओं में निवेश जारी रखना और जनहित के कामों को प्राथमिकता देना उनका मुख्य उद्देश्य है।

