पीडब्ल्यूडी ने वापस लिया 355 फ्लाईओवर डिजाइन रद्द करने का आदेश, 'गारंटी पीरियड' पर भी बड़ा फैसला
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने हाल ही में 355 फ्लाईओवर के डिजाइन को रद्द करने के आदेश को वापस ले लिया है। विभाग के चीफ इंजीनियर ने स्वीकार किया है कि यह आदेश गलती से जारी हुआ था और उनके पास रेलवे और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त प्रक्रिया को रद्द करने का अधिकार नहीं था। आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
दरअसल, यह आदेश जारी होने के बाद विभाग और परियोजना से जुड़े अधिकारियों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। रेलवे के साथ साझा परियोजनाओं पर एकतरफा फैसला लेने से केंद्र सरकार की योजनाओं पर भी असर पड़ने की आशंका थी। अब इस आदेश को वापस लेकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह तकनीकी प्रक्रियाओं और अधिकार-सीमा का पूरा पालन करेगा।
इसके साथ ही, विभाग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब सड़कों के रखरखाव को भी ‘गारंटी पीरियड’ में शामिल किया जाएगा। यह नई व्यवस्था केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की तर्ज पर लागू की जा रही है, जिसमें ठेकेदार द्वारा बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता और मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी निर्माण के बाद कुछ वर्षों तक उसी के पास रहेगी।
नई नीति के तहत यदि तय अवधि में सड़क खराब होती है, तो ठेकेदार को ही उसे मुफ्त में सुधारना होगा। इससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है, साथ ही राजकोष पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा।
राज्य सरकार की इस पहल को सड़क विकास और यातायात सुरक्षा के क्षेत्र में एक अहम कदम माना जा रहा है। विभाग अब इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है, जिससे नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
यह कदम न सिर्फ परियोजनाओं की पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में ऐसी प्रशासनिक चूक से भी बचाएगा, जो विकास कार्यों में अनावश्यक बाधा बन सकती हैं।

