वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर में बलिदान मेला कार्यक्रम में की शिरकत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर ग्वालियर में आयोजित बलिदान मेला कार्यक्रम में भाग लेकर प्रदेशवासियों को देशभक्ति और शौर्य की प्रेरणा दी। इस अवसर पर उन्होंने वीरांगनाओं के सम्मान और उनकी गाथा को जन-जन तक पहुंचाना प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना लक्ष्मीबाई ने जिस धरती पर अपना अद्भुत बलिदान दिया, वह प्रदेश के लिए तीर्थ समान है। उन्होंने कहा, "ऐसे महानायिकाओं की कहानियां और उनका जीवन हम सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।" उन्होंने सरकार की ओर से बलिदान मेले के आयोजन के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
डॉ. मोहन यादव ने बलिदान मेले में वीरांगनाओं के जीवन पर आधारित नाट्य मंचनों के लिए पांच लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम नई पीढ़ी को शौर्य, देशभक्ति और आत्मबलिदान की भावना से भर देते हैं और उनकी सोच को सकारात्मक दिशा प्रदान करते हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ग्वालियर में शीघ्र ही टेक्नोलॉजी हब की स्थापना का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और वे अपने कौशल का उपयोग कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अटल जी की ‘नदी जोड़ो योजना’ को तेजी से लागू करने की बात कही, जिससे ग्वालियर-चंबल संभाग को विशेष लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदेश सरकार हर क्षेत्र में विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को भी संजोए रखने में विश्वास रखती है। हमारी यह कोशिश है कि वीरांगनाओं का सम्मान सदैव बना रहे और उनकी वीरता की गाथाएं आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचें।"
कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन, समाजसेवी संस्थान, और बड़ी संख्या में जनसमूह की उपस्थिति रही। बलिदान मेला विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और आयोजनों से सजा रहा, जिसने लोगों को राष्ट्रीय एकता और वीरता की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
यह आयोजन न केवल वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान को यादगार बनाने का माध्यम बना, बल्कि आने वाली पीढ़ी को उनके साहस और देशभक्ति से प्रेरित करने का भी साधन साबित हुआ।