
मध्यप्रदेश की चर्चित और तेजतर्रार IAS अधिकारी, नेहा मारव्या सिंह, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लंबे समय तक फील्ड पोस्टिंग से वंचित रहने के बाद, जनवरी 2025 में डिंडोरी जिले की कलेक्टर नियुक्त होने के बाद उन्होंने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जो अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
नेहा मारव्या सिंह ने अपने आदेश में जिले में प्रशासनिक सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने डिंडोरी जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों में सुधार के लिए एक नई कार्य योजना तैयार की है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और आम नागरिकों को अधिक सुलभ सेवाएं मिलेंगी।
क्या है खास?
नेहा मारव्या सिंह का यह आदेश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने अपने फैसलों में भ्रष्टाचार पर सख्ती से लगाम लगाने की बात कही है। उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने जिले के विकास कार्यों के संबंध में विशेष निगरानी और समीक्षा का आदेश दिया है ताकि कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
उनका यह कदम प्रदेश के अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए एक उदाहरण बन गया है, जो अब उनकी कार्यशैली और नीतियों का पालन करने की कोशिश करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि नेहा मारव्या सिंह के इस आदेश से डिंडोरी जिले में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो पूरे मध्यप्रदेश में असर दिखा सकता है।
अंतरात्मा की पुकार:
नेहा मारव्या सिंह ने प्रशासन में सुधार के लिए अपने कदम उठाने के अलावा, अधिकारियों से यह भी अपेक्षाएँ की हैं कि वे आम जनता के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं और उनके मुद्दों को गंभीरता से लें। उनका मानना है कि एक सशक्त प्रशासन तभी संभव है, जब जनता का विश्वास उसे पूरी तरह से मिले।
कुल मिलाकर, नेहा मारव्या सिंह की कार्यशैली और उनके द्वारा उठाए गए कदमों ने मध्यप्रदेश के प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी ये पहल प्रदेश में किस तरह से प्रभाव डालती है।