
मध्य प्रदेश में मूंग की खरीद को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है. मूंग की सरकारी खरीद न होने और बाजार में इसके दाम बेहद कम होने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. इससे मूंग उत्पादक किसान काफी नाराज हैं और खरीद शुरू करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि बाजार में मूंग की खरीद महज 5,000 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है, जिससे करीब 3,000 रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों की मांग के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री से चर्चा करने की बात कही है. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इस मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सरकार इस मामले में देरी कर रही है. कमल नाथ ने आरोप लगाया कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने अभी तक मूंग दाल की खरीद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा है. उनका कहना है कि राज्य सरकार हर साल मूंग की खरीद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजती है, जिसके आधार पर केंद्र कोटा तय करता है. इसके बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जाती है. कमल नाथ ने इस संबंध में ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने पुराने हैंडल पर लिखा-
मध्य प्रदेश में मूंग दाल की खरीद को लेकर राज्य सरकार का रवैया टालने लायक है। हर साल राज्य सरकार मूंग दाल की खरीद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजती है और फिर केंद्र और राज्य का कोटा तय होता है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद होती है।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने मूंग दाल की खरीद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर यह भी नहीं बताया है कि मूंग दाल क्यों नहीं खरीदी जा रही है?
राज्य के किसानों को मूंग दाल बेचने में दिक्कत आ रही है और सरकार की इस लापरवाही के कारण उन्हें बाजार में बहुत कम कीमत पर दाल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच संवादहीनता राज्य के लाखों मूंग उत्पादक किसानों के लिए खतरनाक बन रही है।
मैंने पहले भी अनुरोध किया है और फिर से अनुरोध कर रहा हूं कि अपने ही राज्य के किसानों के प्रति ऐसा उदासीन, उपेक्षापूर्ण और क्रूर व्यवहार बेहद निंदनीय है। सरकार को देरी को तुरंत रोकना चाहिए और मूंग दाल की खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मूंग खरीद को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री से चर्चा करने की बात कही थी। उन्होंने राज्य सरकार को किसानों के प्रति संवेदनशील बताते हुए कहा कि बातचीत के जरिए सभी मामलों का समाधान किया जाएगा।