'मध्यप्रदेश बनेगा ग्लेाबल वेलनेस सेंटर', Spiritual and Wellness Summit में 1950 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में आयोजित 'आध्यात्मिक एवं वेलनेस समिट' में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'हील इंडिया' और 'लाइफस्टाइल' जैसे दूरदर्शी विचारों से प्रेरित होकर मध्यप्रदेश को समग्र जीवनशैली एवं वेलनेस नवाचार का वैश्विक केन्द्र बनाया जा रहा है। समिट के माध्यम से प्रदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समिट को परिवर्तनकारी पहल बताते हुए कहा कि इसमें नीति, निवेश, आध्यात्म और समाज कल्याण का संगम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब भारत के वेलनेस मिशन का वैश्विक इंजन बनने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समिट में वेलनेस एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के निवेशकों के साथ 13 आमने-सामने की बैठकें कीं, जिनमें बुनियादी जरूरतों, निवेश समर्थन नीतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। समिट में 1950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। क्या कहा मुख्यमंत्री ने? मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेश में ‘एक पद मां के नाम’ अभियान पुनः शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत प्रदेश में 5 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनकी सरकार रोजगार सृजन के लिए तेजी से काम कर रही है। धार्मिक स्थलों पर सभी चिकित्सा पद्धतियों के बड़े केंद्र बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि दुनिया भर के लोगों को स्वास्थ्य के साथ-साथ आध्यात्म भी मिले।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले वर्ष सभी संभागीय मुख्यालयों में आयोजित क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन और फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जहां 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, वहीं 21 लाख 75 हजार रोजगार सृजन की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि हमने 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है और लगातार सेक्टरवार समिट आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदसौर और नरसिंहपुर में कृषि सम्मेलन के अलावा इंदौर में आईटी सम्मेलन के अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नीति आयोग ने मध्यप्रदेश को तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में अग्रणी बताया है। मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और नई नीतियों के कारण निवेशकों ने यहां का रुख किया है। उन्होंने घोषित नीति के अनुसार एमएसएमई सहित अन्य उद्योगों को 5000 करोड़ रुपए दिए जाने का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश स्पष्ट नीति, सक्षम प्रशासन और मजबूत नेतृत्व के साथ निवेशकों को स्थिरता और सफलता का भरोसा देता है। उन्होंने सभी वेलनेस उद्यमियों और संस्थाओं से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में निवेश करें और इसकी शुरुआत उज्जैन से करें। उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश आएं और भारत को विश्व गुरु बनाने की यात्रा में भागीदार बनें।"
समिट में एनआईपीआर अहमदाबाद और एमपीआईडीसी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत उज्जैन मेडिकल डिवाइस पार्क को तकनीकी और शैक्षणिक सहयोग मिलेगा। पार्क को परीक्षण और प्रमाणन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
शिखर सम्मेलन में एयरहॉस्पिटैलिटी के संस्थापक शिवेंद्र सिंह, लीजरहोटल्सग्रुप के निदेशक मुकुंद प्रसाद, ट्रैवलपैक के चेयरमैन अशोक पटेल, मेफेयरट्रैवल्स के एमडी शरद थडानी और जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट के सीएओ सुधीर एमवी से निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आध्यात्मिक व्याख्यान दिया और उज्जैन में एक केंद्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को आशय पत्र (एलओआई) सौंपा। लीजर होटल्स, शतायु आयुर्वेद और भंडारी समूह के प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य निवेश के लिए उपयुक्त स्थान बताया।
प्रमुख निवेश प्रस्तावों में भंडारी समूह - 984 करोड़ रुपये, अमलतास समूह - 400 करोड़ रुपये, सीएचएल अस्पताल समूह - 200 करोड़ रुपये, लेटेंट देवकॉन, लाभम समूह, शतायु आयुर्वेद, रॉयल ऑर्किड, शांतिगिरी आश्रम, जिंदल समूह और अन्य निवेशक शामिल हैं।
पैनल चर्चा में तैयार हुआ विजन रोडमैप
समिट में दो पैनल सत्र आयोजित किए गए, जिसमें वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, सिंहस्थ आधारित मेडिकल टूरिज्म, रोजगार सृजन और कौशल विकास जैसे विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य सत्र में वेलनेस विजनिंग में प्रदेश का समग्र रोडमैप प्रस्तुत किया गया।