
इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) क्षेत्र में मध्यप्रदेश तेजी से देश के प्रमुख हब के रूप में उभर रहा है। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जैसे शहरों में आईटी सेक्टर का निवेश और अवसर लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर इंदौर में आईटी कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी ने राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोले हैं।
इंदौर में सक्रिय हैं 70% कंपनियां
आईटी सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि मध्यप्रदेश में आने वाली लगभग 70% आईटी कंपनियां इंदौर में सक्रिय हैं। इसका कारण शहर की बेहतर बुनियादी सुविधाएं, अनुकूल वातावरण और कुशल मानव संसाधन माना जा रहा है।
इंदौर को लगातार सातवीं बार ‘स्वच्छ शहर’ का खिताब मिलने और स्मार्ट सिटी के रूप में उभरने ने भी इस क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभाई है।
युवाओं को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं
जहां पहले प्रदेश के छात्रों को आईटी नौकरियों के लिए पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब उन्हें इंदौर में ही अच्छे पैकेज और अवसर मिलने लगे हैं। इससे न केवल स्थानीय प्रतिभाओं का पलायन रुका है, बल्कि परिवार से दूर रहने की मजबूरी भी खत्म हो रही है।
आईटी सेक्टर की नजर में इंदौर क्यों?
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लो-कॉस्ट ऑपरेशन: मेट्रो शहरों की तुलना में इंदौर में कम लागत पर व्यवसाय संचालन संभव है।
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बेहतर कनेक्टिविटी: सड़क, रेल और हवाई संपर्क में निरंतर सुधार हो रहा है।
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प्रतिभाशाली युवा: प्रदेश में इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों से हर साल हजारों छात्र स्नातक होते हैं।
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नीतिगत समर्थन: सरकार द्वारा आईटी सेक्टर को आकर्षित करने के लिए अनुकूल नीतियां और सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
भोपाल और ग्वालियर भी पीछे नहीं
जहां इंदौर आईटी सेक्टर की राजधानी बनता जा रहा है, वहीं भोपाल और ग्वालियर में भी कई कंपनियां निवेश कर रही हैं। स्टार्टअप्स और मिड-लेवल आईटी फर्म्स को यहां किफायती ऑफिस स्पेस और सरकार से सहयोग मिल रहा है।
भविष्य की दिशा
राज्य सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में इंदौर को आईटी हब के रूप में और भी सशक्त किया जाए और अन्य शहरों में टेक्नोलॉजी पार्क विकसित किए जाएं। इससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि लाखों युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर भी प्राप्त होंगे।