
ओंकारेश्वर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बड़वाह–सिद्धवरकूट–ओंकारेश्वर सड़क मार्ग पर रविवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब दिनदहाड़े एक तेंदुए ने सड़क पार कर रही गाय पर हमला कर दिया। यह घटना कड़ियाकुंड के पास हुई, जिसने न सिर्फ राहगीरों को दहशत में डाल दिया, बल्कि क्षेत्र में वन्यजीवों की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाय सड़क पार कर रही थी, तभी झाड़ियों से निकलकर एक तेंदुआ उस पर झपट पड़ा। यह हमला पूरी तरह से अचानक और बेहद आक्रामक था। लेकिन किस्मत से ठीक उसी समय सामने से एक बाइक सवार आ गया, जिसकी बाइक की आवाज और मानवीय उपस्थिति से घबराकर तेंदुआ गाय को अधमरा छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
बाइक सवार की सूझबूझ से बची गाय की जान
बाइक सवार की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए रफ्तार धीमी नहीं की, जिससे तेंदुआ घबरा गया। इस अचानक हस्तक्षेप ने गाय की जान बचा दी, हालांकि गाय को मामूली चोटें आई हैं और उसे ग्रामीणों ने उपचार के लिए पास के एक पशु चिकित्सालय पहुंचाया।
इलाके में फैली दहशत
घटना के बाद से आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले शांत था, लेकिन अब वन्यजीवों की आवाजाही बढ़ गई है। खासकर तेंदुए जैसे शिकारी जानवर का दिन के समय खुले में दिखना खतरे का संकेत है।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने तेंदुए के पंजों के निशान और आस-पास के इलाकों की जांच की। विभाग का कहना है कि वे तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ी तो उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाएगा।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "हम स्थानीय लोगों से भी अपील कर रहे हैं कि वे अकेले जंगल की ओर न जाएं और पशुओं को खुले में छोड़ने से बचें। हमारी टीम लगातार गश्त कर रही है और वन्यजीवों की हरकतों पर नजर रखी जा रही है।"
स्थानीयों की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की है। उनका कहना है कि अगर तेंदुआ दोबारा बस्ती की ओर आता है, तो यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष