जॉय स्कूल संचालक अखिलेश मेबन और परिवार पर जबरन धर्मांतरण का आरोप, कोर्ट ने भेजा जेल

जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन, उनकी पत्नी नीनू मेबन और पुत्र तनय मेबन को एक गंभीर मामले में कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। तीनों पर जबरन धर्मांतरण कराने और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगे हैं।
⚖️ पूर्व सैन्य अफसर आकांक्षा अरोरा की शिकायत पर मामला दर्ज
इस मामले में शिकायतकर्ता कोई और नहीं बल्कि पूर्व सैन्य अधिकारी कैप्टन आकांक्षा अरोरा हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें और अन्य कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, और धार्मिक रूपांतरण के लिए दबाव डाला।
आकांक्षा अरोरा ने पुलिस को बताया कि स्कूल में कार्य के दौरान उन्हें धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बाध्य किया गया और विरोध करने पर प्रबंधन ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया।
🚔 पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अखिलेश मेबन, नीनू मेबन और तनय मेबन को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया।
🏫 जॉय स्कूल की छवि पर असर
जॉय स्कूल, जबलपुर में एक जाना-माना शैक्षणिक संस्थान रहा है, और इस घटनाक्रम के बाद स्कूल की साख पर गहरा असर पड़ा है। कई अभिभावक स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध जताने लगे हैं। शिक्षा विभाग ने भी मामले की अंतरिक जांच के संकेत दिए हैं।
🛡️ धार्मिक स्वतंत्रता पर बहस तेज
यह मामला मध्यप्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता कानून को लेकर चल रही बहस को भी और तेज कर सकता है। राज्य सरकार पहले ही धर्मांतरण को लेकर कड़े कानून लागू कर चुकी है, और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की नीति अपना रही है।