शहर को यातायात जाम से राहत दिलाने और औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे जोड़ने के उद्देश्य से शिप्रा से पीथमपुर नेट्रेक्स तक बनने वाली 64 किलोमीटर लंबी पश्चिमी रिंग रोड परियोजना में एक बार फिर देरी तय मानी जा रही है।
हालांकि किसानों को बढ़ी हुई मुआवजा राशि को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक उनके बैंक खाते के नंबर और एफआईसी (IFSC) कोड का सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है, जिसके चलते राशि का वितरण अटका हुआ है।
🏗️ परियोजना की स्थिति
-
पश्चिमी रिंग रोड इंदौर को पीथमपुर, शिप्रा और औद्योगिक बेल्ट से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी योजना है।
-
इसके लिए सैकड़ों किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है।
-
राज्य सरकार द्वारा हाल ही में मुआवजे की राशि में संशोधन कर वृद्धि की गई थी।
🚧 देरी के प्रमुख कारण
-
किसानों के बैंक खाता नंबरों की अधूरी जानकारी
-
कई खातों में एफआईसी कोड या शाखा डिटेल्स अधूरी
-
कुछ मामलों में नाम की स्पेलिंग या दस्तावेजों में असंगति
📌 प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन के अनुसार, तहसील और राजस्व अमला लगातार किसानों से संपर्क कर रहा है और बैंक डिटेल्स अपडेट करवा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही डेटा पूरा होगा, मुआवजा सीधे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
😔 किसान चिंतित
कई किसानों ने देरी पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यदि मुआवजा जल्द नहीं मिला तो वे भविष्य में निर्माण कार्य में बाधा डाल सकते हैं।
"सरकार ने राशि तो बढ़ा दी, लेकिन जब तक खाते में पैसा नहीं आता, सब बेकार लगता है," — एक किसान का बयान।

