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इंदौर फिर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, आठवीं बार नंबर-1 का ताज, सफाईकर्मियों और जनता की जुगलबंदी ने रचा इतिहास

इंदौर फिर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, आठवीं बार नंबर-1 का ताज, सफाईकर्मियों और जनता की जुगलबंदी ने रचा इतिहास

स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में इंदौर ने लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया है। यह उपलब्धि केवल नगर निगम की नहीं, बल्कि पूरे शहर की है – यहां के नागरिकों, सफाईकर्मियों और अधिकारियों की कड़ी मेहनत और अनुशासन ने इसे संभव बनाया है।

इंदौर की सफाई व्यवस्था को देशभर में मिसाल के तौर पर देखा जाता है। चाहे जनप्रतिनिधि बदलें या प्रशासनिक अधिकारी, इंदौर का सफाई सिस्टम अडिग और प्रभावी बना हुआ है। इस प्रणाली में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं वो 5,000 से अधिक सफाईकर्मी, जो प्रतिदिन मैदान में उतरकर पूरे शहर को स्वच्छ बनाए रखने में जुटे रहते हैं।

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन बना सबसे बड़ी ताकत

इंदौर की सफाई व्यवस्था की रीढ़ है – डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम। शहर के प्रत्येक घर, दुकान और प्रतिष्ठान से रोजाना करीब 1,200 टन कचरा संग्रहित किया जाता है और सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुँचाया जाता है। इस प्रक्रिया में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग किया जाता है, जिससे उसका उचित निपटान और पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

जनजागरूकता और तकनीक का अनूठा मेल

इंदौर नगर निगम ने सफाई व्यवस्था को केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जनआंदोलन बना दिया है। जगह-जगह जागरूकता अभियान, स्कूलों में स्वच्छता शिक्षा, वॉल पेंटिंग्स, स्वच्छता एम्बेसडर, और सोशल मीडिया पर सक्रियता के जरिए नागरिकों को अभियान से जोड़ा गया। साथ ही स्मार्ट तकनीक, जीपीएस ट्रैकिंग, हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप्स की मदद से हर शिकायत और समस्या पर तुरंत एक्शन लिया जाता है।

मुख्य विशेषताएं जो इंदौर को बनाती हैं खास:

  • 100% डोर टू डोर कलेक्शन

  • गीले-सूखे कचरे का पृथक्करण

  • वेस्ट टू एनर्जी और कम्पोस्टिंग प्लांट्स की सुविधा

  • सफाईकर्मियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और सुरक्षा

  • जनता की भागीदारी और सतत जागरूकता

स्वच्छता में मॉडल बना इंदौर

इंदौर की यह सफलता केवल एक शहर की उपलब्धि नहीं, बल्कि एक उदाहरण है कि कैसे एक संकल्प, जब जन-जन का संकल्प बन जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अब इंदौर का मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बन चुका है।

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