स्वच्छता की राजधानी कहे जाने वाले इंदौर ने एक बार फिर अपने नाम एक और कीर्तिमान जोड़ते हुए देशभर के 4,900 शहरों को पछाड़कर स्वच्छता में पहला स्थान हासिल किया है। यह कोई पहली बार नहीं है — लगातार कई वर्षों से इंदौर सफाई के मामले में देश का सिरमौर बना हुआ है, और इस बार भी उसने अपने नवाचार और समर्पण से यह साबित कर दिया कि स्वच्छता कोई अभियान नहीं, बल्कि आदत बन चुकी है।
इंदौर की इस शानदार उपलब्धि के पीछे भले ही अनेक कारक हों, लेकिन सबसे मजबूत कड़ी है शहर की घर-घर कचरा संग्रहण (डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन) व्यवस्था, जो अन्य शहरों की तुलना में न केवल बेहतर है, बल्कि लगातार उन्नत भी हो रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण की स्कोरिंग में यह व्यवस्था इंदौर की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है।
कचरा नहीं, जिम्मेदारी है इंदौर के लिए
इंदौर नगर निगम की टीम हर घर से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग एकत्र करने की व्यवस्था को पूरी सख्ती और नियमितता से निभा रही है। हर वार्ड में निर्धारित समय पर कचरा संग्रहण वाहन पहुंचते हैं और नागरिकों को भी कचरा अलग-अलग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही अनुशासन और सहभागिता इंदौर को अन्य शहरों से अलग बनाता है।
स्वच्छता के नवाचारों में भी आगे
इंदौर सिर्फ बुनियादी सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर ने कई स्वच्छता नवाचार भी किए हैं। जैसे—
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बायो-सीएनजी प्लांट के जरिए कचरे से गैस बनाना
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स्मार्ट वेस्ट सेग्रीगेशन यूनिट्स
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कचरा बैंक योजना, जिसमें प्लास्टिक और अन्य सूखे कचरे के बदले नागरिकों को राशन या पैसे दिए जाते हैं
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जनभागीदारी और जागरूकता अभियान, जिससे हर नागरिक खुद को सफाई का हिस्सा मानता है
अन्य शहर क्यों पिछड़ रहे हैं?
देशभर के अधिकांश शहर स्वच्छता रैंकिंग में भाग तो ले रहे हैं, लेकिन वे डोर-टू-डोर कलेक्शन व्यवस्था को स्थायी रूप से लागू नहीं कर पा रहे हैं। कहीं कर्मचारियों की कमी है, कहीं नागरिकों का सहयोग नहीं मिल रहा, तो कहीं व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। वहीं इंदौर में यह व्यवस्था पूरी पारदर्शिता, अनुशासन और तकनीक के साथ लागू की गई है।
नगर निगम और नागरिकों की साझेदारी
इंदौर की सफाई का श्रेय सिर्फ प्रशासन को नहीं, बल्कि हर उस नागरिक को जाता है जिसने कचरा खुले में फेंकने की आदत को त्यागा और सफाई को एक जिम्मेदारी की तरह अपनाया। नगर निगम का प्रयास और नागरिकों का सहयोग—यह वही फार्मूला है जिसने इंदौर को लगातार नंबर वन बनाए रखा है।

