महाकाल की सवारियों का ऐतिहासिक आयोजन: श्रावण और भाद्रपद मास में निकाली जाएंगी 6 सवारियां

भगवान श्री महाकालेश्वर के भक्तों के लिए श्रावण और भाद्रपद मास खास महत्व रखते हैं। इस दौरान हर साल महाकाल की सवारियां निकाली जाती हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहती हैं। इस बार भी इन सवारियों का आयोजन भक्तों के लिए एक बड़ा धार्मिक आयोजन बनेगा।
श्रावण मास की पहली सवारी 14 जुलाई को निकाली जाएगी। इस दिन भगवान महाकाल को सजाकर सवारी में सैकड़ों भक्तों के साथ निकाला जाएगा। इसके बाद श्रावण मास में कुल चार सवारियां निकाली जाएंगी, जो विशेष रूप से भव्य और राजसी रूप में होती हैं।
इसके बाद भाद्रपद मास में भी दो सवारियां निकाली जाएंगी, जिनमें से अंतिम शाही सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। यह शाही सवारी विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगी, जिसमें महाकाल की भव्य सवारी शाही तरीके से नगर भ्रमण करेगी।
महाकाल की ये सवारियां धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं, और इन सवारियों के दौरान लाखों भक्त भगवान श्री महाकाल की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। इन सवारियों का आयोजन विशेष रूप से भक्तों के लिए एक संजीवनी की तरह होता है, जो महाकाल के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।