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हेमंत विजय खंडेलवाल बने मध्यप्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, भोपाल में गरिमामय समारोह में संभाला पदभार

मध्यप्रदेश भाजपा को बुधवार को उसका नया नेतृत्व मिल गया। हेमंत विजय खंडेलवाल ने राजधानी भोपाल में आयोजित भव्य समारोह में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, निवर्तमान अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।  मिठाई खिलाकर दी शुभकामनाएं कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वी.डी. शर्मा ने हेमंत खंडेलवाल को मिठाई खिलाकर उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारेबाजी के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। मंच पर मौजूद सभी नेताओं ने खंडेलवाल के नेतृत्व में पार्टी को और अधिक सशक्त व संगठित बनाने की उम्मीद जताई।  सर्वसम्मति और अनुशासन का संदेश खास बात यह रही कि खंडेलवाल का चयन सर्वसम्मति से हुआ, जिस पर केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में मुहर लगाई गई। उनका चयन निर्विरोध किया गया, जिसे पार्टी के अंदर अनुशासन, एकता और सामूहिक नेतृत्व की भावना का प्रतीक माना जा रहा है।  धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा—  “भाजपा ऐसी पार्टी है जहां कार्यकर्ता का परिश्रम और संगठन के प्रति समर्पण सर्वोपरि होता है। हेमंत खंडेलवाल को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपना उसी परंपरा का हिस्सा है।”  हेमंत खंडेलवाल का संक्षिप्त परिचय हेमंत खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा के जमीनी स्तर से जुड़े नेता माने जाते हैं। वे बैतूल क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं और पार्टी संगठन में विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं। उनका चयन संगठन में नए उत्साह और ऊर्जा के संचार के रूप में देखा जा रहा है।  संगठन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई पदभार ग्रहण करते हुए हेमंत खंडेलवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा—  “भाजपा का हर कार्यकर्ता मेरी ताकत है। हम सब मिलकर प्रदेश में पार्टी को और मजबूत बनाएंगे। मेरा लक्ष्य है कि संगठनात्मक कार्य और जनसंपर्क को और गतिशील बनाया जाए।”  आगामी चुनावों की तैयारी में जुटेगी पार्टी खंडेलवाल के अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी अब आगामी निकाय चुनावों और 2026 की रणनीति पर जोर देने की दिशा में आगे बढ़ेगी। संगठनात्मक ढांचे को और मजबूती देने के लिए जल्द ही जिला और मंडल स्तर पर नए दायित्वों का बंटवारा किया जा सकता है।

मध्यप्रदेश भाजपा को बुधवार को उसका नया नेतृत्व मिल गया। हेमंत विजय खंडेलवाल ने राजधानी भोपाल में आयोजित भव्य समारोह में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, निवर्तमान अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

मिठाई खिलाकर दी शुभकामनाएं

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वी.डी. शर्मा ने हेमंत खंडेलवाल को मिठाई खिलाकर उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारेबाजी के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। मंच पर मौजूद सभी नेताओं ने खंडेलवाल के नेतृत्व में पार्टी को और अधिक सशक्त व संगठित बनाने की उम्मीद जताई।

सर्वसम्मति और अनुशासन का संदेश

खास बात यह रही कि खंडेलवाल का चयन सर्वसम्मति से हुआ, जिस पर केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में मुहर लगाई गई। उनका चयन निर्विरोध किया गया, जिसे पार्टी के अंदर अनुशासन, एकता और सामूहिक नेतृत्व की भावना का प्रतीक माना जा रहा है।

धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा—

“भाजपा ऐसी पार्टी है जहां कार्यकर्ता का परिश्रम और संगठन के प्रति समर्पण सर्वोपरि होता है। हेमंत खंडेलवाल को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपना उसी परंपरा का हिस्सा है।”

हेमंत खंडेलवाल का संक्षिप्त परिचय

हेमंत खंडेलवाल मध्यप्रदेश भाजपा के जमीनी स्तर से जुड़े नेता माने जाते हैं। वे बैतूल क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं और पार्टी संगठन में विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं। उनका चयन संगठन में नए उत्साह और ऊर्जा के संचार के रूप में देखा जा रहा है।

संगठन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई

पदभार ग्रहण करते हुए हेमंत खंडेलवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा—

“भाजपा का हर कार्यकर्ता मेरी ताकत है। हम सब मिलकर प्रदेश में पार्टी को और मजबूत बनाएंगे। मेरा लक्ष्य है कि संगठनात्मक कार्य और जनसंपर्क को और गतिशील बनाया जाए।”

आगामी चुनावों की तैयारी में जुटेगी पार्टी

खंडेलवाल के अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी अब आगामी निकाय चुनावों और 2026 की रणनीति पर जोर देने की दिशा में आगे बढ़ेगी। संगठनात्मक ढांचे को और मजबूती देने के लिए जल्द ही जिला और मंडल स्तर पर नए दायित्वों का बंटवारा किया जा सकता है।

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