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सीहोर जिले में डेंगू के चार मरीज मिले, मलेरिया यूनिट में हड़कंप, घरों में सर्वे करने पहुंची टीम

सीहोर जिले में डेंगू के चार मरीज मिले, मलेरिया यूनिट में हड़कंप, घरों में सर्वे करने पहुंची टीम

बरसात से पहले ही जिले में डेंगू ने अपना सिर उठा लिया है। इससे स्वास्थ्य विभाग की मलेरिया यूनिट में दहशत का माहौल है। यूनिट ने तुरंत उन क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया जहां रोगी पाए गए थे और कई घरों और कंटेनरों में लार्वा पाया गया। इसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया तथा फॉगिंग मशीन से धुएं के साथ दवा का छिड़काव किया गया। जिले के सीहोर शहरी क्षेत्र, इछावर, बुधनी, श्यामपुर में एक साथ चार मरीज मिले हैं।

आमतौर पर जून में बरसात का मौसम शुरू होने के बाद जुलाई में डेंगू के मरीज सामने आने लगते हैं, लेकिन इस बार समय से पहले मिले मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पॉजिटिव पाए गए मरीजों की हालत अब ठीक है, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत सावधान रहने की सलाह दी गई है। ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। राहत की बात यह है कि इस वर्ष अब तक चिकनगुनिया या मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया है। कुछ दिन पहले मलेरिया का एक संदिग्ध मरीज मिला था, लेकिन बाद में जब उसकी जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। पिछले साल की बात करें तो मलेरिया के 21, डेंगू के 79 और चिकनगुनिया के 17 मामले सामने आए थे।

रोकथाम के लिए धुआं और छिड़काव का प्रयोग किया जा रहा है।
मलेरिया यूनिट का सर्वे कार्य जिले के शहरों से लेकर गांवों तक लगातार जारी है। जनवरी से मार्च तक 228 गांवों के 6,668 घरों में किए गए सर्वेक्षण में 185 घरों में लार्वा पाया गया। इसी प्रकार, जब 48,385 कंटेनरों का निरीक्षण किया गया तो उनमें से 148 में लार्वा पाया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। रोकथाम के लिए धुआँ और स्प्रे का भी इस्तेमाल किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी क्षमा बर्वे का कहना है कि जिले में डेंगू के चार मरीज मिले हैं। जिस स्थान पर यह रोगी पाया गया था, वहां सर्वेक्षण कराया गया है। अन्य गतिविधियाँ भी लगातार चलाई जा रही हैं। ताकि
महामारी नहीं बढ़ी.

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