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आदिवासी कल्याण विभाग के डिप्टी कमिश्नर के घर EOW का छापा, बाघ की खाल बरामद, मां गिरफ्तार

आदिवासी कल्याण विभाग के डिप्टी कमिश्नर के घर EOW का छापा, बाघ की खाल बरामद, मां गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में एक बार फिर भ्रष्टाचार और वन्यजीव अपराध से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर जगदीश सरवटे के घर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की छापेमारी के दौरान बाघ की खाल बरामद की गई है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद विभाग और वन्यजीव सुरक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है।

जानकारी के अनुसार, भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों के बाद मंगलवार को EOW की टीम ने जबलपुर और भोपाल में जगदीश सरवटे के आवास और अन्य ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों को न सिर्फ दस्तावेज और अन्य महंगी संपत्तियों के प्रमाण मिले, बल्कि जबलपुर स्थित आवास से बाघ की खाल भी बरामद हुई, जो कि वन्यजीव सुरक्षा कानूनों के तहत एक संगीन अपराध है।

इस मामले में EOW ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सरवटे की मां, सावित्री सरवटे को गिरफ्तार कर लिया है। उनके विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। शुरुआती पूछताछ में उन्होंने खाल के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। वन विभाग की टीम भी अब इस मामले की गहराई से जांच में जुट गई है।

बाघ जैसे संरक्षित वन्य प्राणी की खाल का मिलना इस बात का संकेत है कि यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें वन्यजीव तस्करी या अवैध शिकार से जुड़ी कड़ियां भी हो सकती हैं। ईओडब्ल्यू अब इस ऐंगल से भी जांच कर रही है कि क्या यह खाल सरवटे के जरिए किसी तस्कर नेटवर्क से प्राप्त हुई या फिर यह किसी अवैध शिकार की उपज है।

सूत्रों के मुताबिक, छापे के दौरान सरवटे के पास से करोड़ों की संपत्ति, संदिग्ध दस्तावेज, महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंक लॉकर से जुड़े अहम प्रमाण भी बरामद हुए हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि जगदीश सरवटे के खिलाफ पहले भी वित्तीय अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिलती रही हैं, जिनकी जांच अब तेज कर दी गई है।

इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार और संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया का इंतजार है, हालांकि वन विभाग ने प्राथमिक जांच के बाद माना है कि बरामद की गई खाल असली प्रतीत होती है। खाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि इसकी पुष्टि की जा सके।

ईओडब्ल्यू और वन विभाग अब इस मामले को संयुक्त रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। यदि यह सिद्ध होता है कि सरवटे और उनका परिवार बाघ की खाल रखने या तस्करी में शामिल रहा है, तो उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें सात साल तक की जेल और भारी जुर्माना शामिल है।

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