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मध्यप्रदेश में पर्यावरणीय मंजूरी घोटाला? 450 परियोजनाओं को मंजूरी में अनियमितता की शिकायत, दो वरिष्ठ IAS अफसरों पर उठे सवाल

मध्यप्रदेश में पर्यावरणीय मंजूरी घोटाला? 450 परियोजनाओं को मंजूरी में अनियमितता की शिकायत, दो वरिष्ठ IAS अफसरों पर उठे सवाल

मध्यप्रदेश में परियोजनाओं को पर्यावरणीय स्वीकृति (Environmental Clearance) देने में हुए कथित अनियमितताओं का मामला अब केंद्रीय स्तर तक पहुंच गया है। इस संबंध में सीपीजीआरएएमएस पोर्टल (CPGRAMS) पर शिकायत दर्ज की गई है, जिससे राज्य के दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों – नवनीत कोठारी (प्रमुख सचिव) और उमा आर. माहेश्वरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं

यह मामला एमपी स्टेट एन्वायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (SEIAA) से जुड़ा है, जो राज्य में परियोजनाओं को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जांच कर मंजूरी देती है।

क्या है पूरा मामला?

शिकायत के अनुसार:

  • 23 और 24 मई को SEIAA के प्रभारी सदस्य सचिव श्रीमन शुक्ला द्वारा 450 परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी दी गई।

  • यह मंजूरी डीम्ड अप्रूवल (Deemed Approval) के तहत दी गई, जो आमतौर पर तब लागू होती है जब नियत समय में निर्णय नहीं लिया जाता।

  • आरोप है कि इनमें से सिर्फ 237 मामलों में ही आदेश जारी किए गए, जबकि शेष फाइलों में मंजूरी की प्रक्रियाएं अधूरी थीं।

  • यह पूरा कार्य प्रमुख सचिव नवनीत कोठारी की मौखिक अनुमति से हुआ, ऐसा आरोप शिकायत में दर्ज है।

क्यों गंभीर है मामला?

  • इतनी बड़ी संख्या में एक साथ और त्वरित मंजूरी से पर्यावरणीय मूल्यांकन की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

  • यदि जांच में आरोप सही पाए गए तो यह मामला प्रशासनिक प्रक्रियाओं के दुरुपयोग और नियमों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण बन सकता है।

केंद्र की निगाह में मामला

अब जब यह शिकायत CPGRAMS (Centralised Public Grievance Redress And Monitoring System) पर दर्ज की गई है, तो यह स्वतः ही केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय और संभवतः पर्यावरण मंत्रालय के संज्ञान में भी आ चुका है। जल्द ही जांच या रिपोर्ट तलब की जा सकती है।

आगे की संभावनाएं:

  • अनुसंधान और ऑडिट के आदेश संभव हैं।

  • संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण या जवाब तलब किया जा सकता है।

  • यदि अनियमितता सिद्ध होती है, तो प्रशासनिक कार्रवाई या स्थानांतरण की संभावना भी बन सकती है।

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