मध्यप्रदेश में शुरू होगी ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना, 30 हजार महिलाओं के जरिए 30 हजार एकड़ में बनेगा फलोद्यान: सीएम डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा एक नई महत्वाकांक्षी योजना "एक बगिया मां के नाम" की शुरुआत की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
क्या है ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना?
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत:
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30,000 एकड़ भूमि पर फलोद्यान (फल के बाग) विकसित किए जाएंगे।
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यह कार्य 30,000 स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से किया जाएगा।
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सरकार इस परियोजना पर करीब 900 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और संसाधन
योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं को हर स्तर पर संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा:
"यह योजना मातृ शक्ति को समर्पित है। इसके जरिए हम गांवों में हर मां को एक बगिया देकर, सम्मान और आत्मनिर्भरता का तोहफा देना चाहते हैं।"
महिलाओं को निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी:
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फलदार पौधे (जैसे आम, अमरूद, नींबू, कटहल आदि)
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जैविक खाद और जरूरी कृषि सामग्री
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तारफेंसिंग और जलकुंड की व्यवस्था
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उद्यानिकी का व्यावसायिक प्रशिक्षण
योजना के पीछे उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के जरिए सरकार का लक्ष्य है:
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महिलाओं को आय का स्थायी स्रोत देना
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खाली पड़ी ग्रामीण भूमि का उपयोग कर उसे उपजाऊ बनाना
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फल उत्पादन बढ़ाकर पोषण सुरक्षा और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना
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पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देना
मुख्यमंत्री ने बताया प्रदेश की अन्य उपलब्धियां भी
कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की विकास योजनाओं, हालिया उपलब्धियों और आगामी प्राथमिकताओं पर मंत्रियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का जोर अब “जनसेवा से जनसमृद्धि” की ओर बढ़ रहा है, जिसमें महिला सशक्तिकरण को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है।