श्योपुर में दिव्यांग व्यक्ति को सरकारी सिस्टम की लापरवाही का शिकार: 4 साल में 400 बार चक्कर काटने के बाद भी नहीं मिली मदद

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील में एक बार फिर से सरकारी सिस्टम की लापरवाही का एक उदाहरण सामने आया है। यहां एक दिव्यांग व्यक्ति को पिछले चार साल में 400 से अधिक बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद सहायता नहीं मिल पाई। यह मामला सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और यह स्पष्ट करता है कि कैसे सरकारी मशीनरी अक्सर जरूरतमंद नागरिकों की मदद करने में नाकाम रहती है।
दिव्यांग व्यक्ति की समस्या
श्योपुर के विजयपुर तहसील में रहने वाले इस दिव्यांग व्यक्ति का नाम रामकिशन यादव है, जो पिछले चार सालों से अपनी पेंशन और सरकारी सहायता के लिए तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। उनके मुताबिक, उन्होंने पेंशन पाने के लिए सभी जरूरी कागजात जमा किए थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और दस्तावेजों में ढील के कारण अब तक उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई है।
चक्कर काटते रहे, पर कोई समाधान नहीं
रामकिशन यादव का कहना है कि उन्होंने पिछले चार सालों में 400 से अधिक बार तहसील कार्यालय का दौरा किया है। बार-बार अधिकारी उन्हें अलग-अलग कागजात और सर्टिफिकेट्स लाने के लिए कहते हैं, और जब वह इन कागजातों के साथ लौटते हैं, तो उन्हें फिर से एक नई वजह से वापस भेज दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों से भी मिलकर अपनी समस्या उठाई, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सरकारी विभागों की लापरवाही
रामकिशन यादव की शिकायत यह भी है कि कभी अधिकारियों का अनुपस्थित रहना, कभी कागजों में गड़बड़ी, तो कभी कागजात सही होने के बावजूद प्रक्रिया में देरी जैसी समस्याएं उनके सामने आती रही हैं। उनके अनुसार, सरकारी सहायता और पेंशन पाने का उनका सपना अब एक दुरूह कार्य बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें बार-बार अपने दिव्यांग होने का प्रमाण भी प्रस्तुत करना पड़ा, लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
विकास के दावों की पोल
यह घटना प्रदेश के विकास और सामाजिक सुरक्षा के दावों की पोल खोलती है। एक दिव्यांग व्यक्ति को, जो अपनी स्थिति के कारण पहले से ही सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसके लिए सरकारी सहायता प्राप्त करना एक साधारण प्रक्रिया नहीं बन पाई। इसका साफ अर्थ यह है कि सरकारी विभागों में सिस्टम में सुधार की सख्त आवश्यकता है।
आगे की कार्रवाई
अब इस मामले को लेकर श्योपुर जिले के अधिकारी और राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर इस मुद्दे को जल्दी सुलझाया नहीं गया तो यह उन लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी होगी जो सरकारी सिस्टम के प्रति विश्वास खो चुके हैं।