डीजीपी कैलाश मकवाना का मानवीय चेहरा: घायल एएसआई से मिलने पहुंचे उज्जैन, परिजनों को दी मदद का भरोसा

मध्यप्रदेश पुलिस के प्रमुख, डीजीपी कैलाश मकवाना, एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और मानवीयता का परिचय देने के लिए चर्चा में हैं। हाल ही में जब डीजीपी मकवाना को यह जानकारी मिली कि उनके बचपन के स्कूल साथी और वर्तमान में पुलिस विभाग में एएसआई के पद पर कार्यरत सुरेश शाक्य उर्फ हनुमान एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं, तो उन्होंने अपने तमाम व्यस्त कर्तव्यों को दरकिनार करते हुए रिश्तों को तरजीह दी और सुरेश से मिलने के लिए उज्जैन का रुख किया।
🚔 रिश्तों की अहमियत: डीजीपी का दिल छूने वाला कदम
डीजीपी कैलाश मकवाना ने अपनी व्यस्तता के बावजूद सुरेश शाक्य के घर पहुंचकर उनकी हाल-चाल ली। सुरेश शाक्य की हालात के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने न केवल सुरेश से मुलाकात की, बल्कि उनके परिजनों से भी बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। डीजीपी ने सुरेश के परिवारवालों से कहा, "कोई भी दिक्कत हो तो निःसंकोच बताएं। मैं हर वक्त आपके साथ हूं।"
🚑 गंभीर हालत में एएसआई सुरेश
सुरेश शाक्य को कुछ महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद उनकी सर्जरी की गई थी। तब से उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डीजीपी ने बताया कि सुरेश के साथ यह घटना बेहद दुखद थी, लेकिन वे अब भी उनकी सुरक्षा और ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
🩺 मेडिकल सहायता और भरोसा
डीजीपी कैलाश मकवाना ने यह भी सुनिश्चित किया कि सुरेश को जरूरी चिकित्सीय सहायता मुहैया कराई जाए और उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि पुलिस विभाग उनके साथ खड़ा रहेगा। इस संवेदनशील कदम ने यह स्पष्ट कर दिया कि डीजीपी केवल एक कुशल पुलिस अधिकारी ही नहीं हैं, बल्कि वे एक अच्छे इंसान भी हैं, जो व्यक्तिगत रिश्तों और मानवीय कर्तव्यों को महत्व देते हैं।