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 12 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म और हत्या के दोषी की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने बदली, अब भुगतनी होगी 25 वर्ष की कठोर कैद

सानौधा कांड: 12 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म और हत्या के दोषी की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने बदली, अब भुगतनी होगी 25 वर्ष की कठोर कैद

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस दीपनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने 12 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को 25 साल के सश्रम कारावास में बदलने का आदेश जारी किया है। मामला सागर जिले के सानोधा थाना क्षेत्र में हुई घटना से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने अपीलार्थी के पुनर्वास की संभावना, उसकी उम्र, जेल में उसके व्यवहार और उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड न होने को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ किया है कि 25 साल की सजा पूरी होने तक दोषी को कोई जेल अवधि न दी जाए। अभियोजन पक्ष के अनुसार सागर जिले के सानोधा थाना क्षेत्र में रहने वाली पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली 12 वर्षीय बालिका 20 अप्रैल 2019 को अपनी दादी के साथ पास के गांव में आयोजित शादी समारोह में गई थी। समारोह से लौटते समय 7 अप्रैल 2019 की सुबह वीरेंद्र आदिवासी उसे सड़क पर मिला और बालिका को अपनी साइकिल से घर छोड़ने की पेशकश की, जिस पर दादी ने सहमति जताई। आरोपी बालिका को अपनी साइकिल पर जंगल में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया तथा उसका मुंह व गला दबाकर हत्या कर दी। बालिका जब घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। बालिका का शव जंगल में नाले के पास मिला। मेडिकल रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व हत्या का मामला दर्ज किया। डीएनए रिपोर्ट व गवाहों के बयानों के आधार पर सागर सत्र न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद सजा की पुष्टि के लिए मामला हाईकोर्ट भेजा गया। आरोपी ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील भी दायर की। कोर्ट की टिप्पणी खंडपीठ ने आदेश में कहा कि जेल में आरोपी के दुर्व्यवहार की कोई शिकायत नहीं थी। घटना के समय उसकी उम्र करीब 24 वर्ष थी और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। सजा में यह संशोधन पुनर्वास की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

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